PNS Ghazi : पाकिस्तान की पनडुब्बी को नष्ट करने के पीछे का सच क्या था ?

3 Dec 1971 रात के 12:15 बजेविशाखापट्टनम के बन्दरगाह पर बहुत जबरदस्त धमाका सुनाई दिया धमाका इतना जबरदस्त था कि ईमारत के शीशे टूट गए ओर हजार लोग जो रेडियो पर प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी राष्ट्र के नाम संदेश का इन्तजार कर रहे थे ये सोच कर घर से बाहर निकल कर आए कि भूकंप आ गया है कुछ लोगो ने देखा कि तट से कुछ पानी की लहर कही कसतक हवा मे उठी ओर फिर गिर कर समुद्र पर समाती चला गई बाद मे जनरलजे आर जेकफ ने अपनी किताब सिलेंडर इन डाका मे लिखा कि 4Dec की सुबहपूर्व नौसैन के प्रमुख एडमिरल कृष्ण ने मुझे फोन किया कि कुछ मछुआरो को विशाखापट्टनम बंदरगाह पर पाकिस्तानी पनडुब्बी के अवशेष मिले है उस समय के विशाखापट्टनम की पनडुब्बी ठिकाने के प्रमुख कैप्टन के .सूपरमनिय ने अपनी किताब मे लिखा 4Dec की सुबह जब हमने घटनास्थल का दौरा किया तब हमे डूबी हुई पनडुब्बी का पता चाला ओर आपने गोताखोर को समुद्र मे उतार तो पता चला कि तो पाकिस्तान पनडुब्बी उथले पानी पर डूबी हुई है हमने अनुमान लगाया कि काजी विशाखापट्टनम मे बारूदी सुरंग लगा रही थी तब ही ओर उस की लगायी सुरंग मे विस्फोट हुआ ओर पनडुब्बी बर्बाद ही गई ।
PNS Ghzi वास्तव मे एक अमेरिकी पनडुब्बी थी जिस का पुराना नाम USS घीयूराबोलो था इसे 1963 मे अमेरिका ने पाकिस्तान को दिया था 1971 का युद्ध छिड़ा तो इस पनडुब्बी को भारत के एक मात्र विमानवाहक प्रोतविक्रांत को डूबने की जिम्मेदारी सोफी गई ओर भारत को पता था कि इसलिए यह तह किया कि विक्रांत को विशाखापट्टनम बन्दरगाह से हटा कर किसी ओर स्थान पर ले जाया जाए ।ओर पाकिस्तान को यह आभास दिया जाए कि विक्रांत विशाखापट्टनम मे ही है विशाखापट्टनम मे खड़े पुराने विध्वंसकराजपूतसे कहा गया कि वह काल साइनका इस्तेमाल करे ओर उसी रेडियो फिक्सिंग पर बहुत सारी रसद की मांग करें। विक्रांत जैसेविशालकाय पोत के लिए जरूरीहोती है विशाखापट्टनम के बजार से बहुत ज्यादा मास राशन ओर सब्जी खरीदी गई ताकि पाकिस्तान जासूस खबर दे सकेविक्रांत इस समय विशाखापट्टनम मे खड़ा हैओर इस बीच विक्रांत को गोपनीय तरीके से आडोमान भेजा गया ।पाकिस्तान ने अपनी नौसेना ने गाजी को विक्रांत को डूबने के लिए इस यकीन के साथ विशाखापट्टनम रवाना किया कि विक्रांत वहा डेरा डाले है । इससे पहले गाजी वहा कुछ कर पाती ओर उसके ऊपरजबर्दस्त विस्फोट हुआ ।
ओर यह समुद्र की गहराई मे डूब गईलेकिन कृष्ण अपनी किताब मे इसका दुसरा विवरण देते हैयह लिखते है कि मैंने आई एन एस राजपूत के कमांडर को आदेश दिये कि वह जल्दी से जल्दी बन्दरगाह छोड़ दे ।राजपूत ने 3Dec की आदी रात कोकुछ समय पहले ही बन्दरगाह छोड़ दी ।जैसे ही समुद्र मे कुछ हलचल दिखाई दी ओर उसने डेथ चार्ज किया ओर आगे बढ़ाता चला गया अगर यह कृष्ण की यह दलील सचं मानी जाएतो सम्भावना बनती है कि राजपूत ने गाजी को डुबोया दुसरी सम्भावना यह है कि आपनी ही बिछाई सुरंग से गुजर गई जिस की वजह से उस मे विस्फोट हुआ ।तीसरा अनुमान यह है कि जिन बारूदी सुरंगो को पनडुब्बी चल रही थी उनमे अचानक विस्फोट हुआ ओर गाजी ने जल समाधि ले ली ।ओर चौथा अनुमानत यह है कि पनडुब्बी मे जरूरत से ज्यादा हाइड्रोजन गैस जमा हो गई जिसे इस मे विस्फोट हुआ ।गाजी के अवशेषो के जांच करअधिकतर भारतीय अफसरओर गोताखोर चोथी सम्भावना मानते है गाजी के मलबे की जांच करने वाले लोग बताते है कि गाजी का ढांचा बीच से टूटा हुआ था यदि बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ होता तो नुकसान पनडुब्बी के आगे वाले हिस्से मे होताओर गाजी अपनी ही बिछाई हुई सुरंग से नष्ट हुई होती तो बहरी हिस्सा ज्यादा नष्ट हुआ होता इसके अलावा गाजी से जितने भी मैसेज भेजे गए थे उन सब मेरे यह था कि पनडुब्बी पर हाइड्रोजन गैस बहुत अधिक मात्रा मे यह गैस बन रही हैसुपरमनियम लिखते है कि यह गैस सभी सुरक्षा मानक को पार कर गई तो एक जबरदस्त विस्फोट की सिरी शुरू हो गई ।
इसमे ले रखे सभी हथियार और बारूद सुरंगो को अपनी चपेट मे ले लिया इस बात के सबूत केवल ना के बराबर है भारत की युध्द पोट आईएनएस राजपूत के डेथ चार्ज से गाजी डूबी थी . इसकी पुष्टि करते हुए जनरल जैकप आपनी किताब मे लिखते है कि 4Dec को मेरे पास कृष्ण का मेरे पास यह पूछने के लिए फोन आया कि दिल्ली को यह खबर तो नही कर दी की हमने गाजी को डुबो दिया है तोमैने यह सोच कर नही बताया कि अपने उन को पहले ही बता दिया होगा ओरयह सुनकर कृष्ण ने चैन की सास ली ओर कल जो मेरी आप सेबात हुई थी उसे आप बुल जाए । मेयर बोस अपनी किताब मे लिखते है कि 1971 की लड़ाई खत्म होने के बाद अमेरिका ओर रूस दोनो ने गाजी को समुद्र स्थल से ऊपर उठाने की क्षमता की थी ओर भारत सरकार ने विनम्रता पुर्व अस्वीकार किया था गाजी अभी भी अपने सारे रहस्य के साथ अभी भी विशाखापट्टनम के बन्दरगाह के बाहर कीचड मे है लोग सिर्फ अनुमान लगा सकते है कि उस के साथ ऐसा क्या हुआ कि जिसने उसे समुद्र के रहस्य दल तक पहुंचा दिया |