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PM मोदी सरकार का बड़ा फैसला, भारतीय लोगों के लिए भारत भेजेगा वायुसेना

भारतीय सरकार ने आखिरकार अफगानिस्तान और तालिबान को लेकर एक बहुत ही बड़ा फैसला ले लिया है जिसका काफी देर से इंतजार किया जा रहा था। तालिबानी लड़ाकू लगातार नई टेरिटरीज पर कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने कई इलाके और बड़े-बड़े शहर कैप्चर कर लिए हैं।

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PM मोदी सरकार का बड़ा फैसला, भारतीय लोगों के लिए भारत भेजेगा वायुसेना

जिसको देखते हुए दुनिया भर के कई देशों ने अफगानिस्तान के अलग-अलग रीजन में स्थित अपने कॉन्सोलेट बंद कर के स्टाफ को वापस बुलाने का निर्णय किया था। यहां पर में किस करना चाहता हूं कि अभी तक कई देशों ने अफगानिस्तान में स्थित अपने कॉन्सुलेट बंद किए थे ना कि एंबेसी और एंबेसीज और कॉन्सुलेट में बहुत बड़ा फर्क होता है।

एंबेसीज की बात करें तो यह मिली दूसरे देशों की राजधानी में स्थित होती है। वहां पर लांच के एल्बम ऑपरेट करती हैं। स्टाफ ज्यादा होता है। अपने देश के नागरिकों के लिए फुलरेंज ऑफ़ कौंसिलर, सर्विसेज और बाकि सुविधाएं देती हैं। जैसे पासपोर्ट इश्यू करना, विजय संबंधित सर्विसेस डिप्लोमेटिक ऑपरेशन होते हैं जो कि डेली बेसिस पर चलते हैं।

अम्बेसिस को ऐड करता है जैसे कि भारत की राजधानी न्यू दिल्ली में कई देशों की एंबेसी से हैं, जिनमें अलग-अलग देशों नेअम्बेस्डर्स को नियुक्त किया हुआ है जो अपने अपने देश की अम्बेसिस को हेड करते हैं, जब कि काउंसिल किसी भी देश की राजधानी के अलावा किसी ओरिजन में को लेकर डिप्लोमेटिक मिशन को कहा जाता है जो एंबेसी के मुकाबले कम और लिमिटेड सर्विसेस प्रोवाइड करते हैं।

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जैसे वीजा और टूरिस्ट से रिलेटेड क्वेरीज का समाधान करना। उदाहरण के लिए कई देशों ने भारत के साउदर्न और ईस्टन रीजन के लिए एंबेसीज के साथ साथ अलग से कांसुलेट्स को खोलें हैं, जिनको कौन सेकांसुलेट्स करता है कि अपने देश की एंबेसीज के अंदर ही काम करते हैं।

काबुल में स्थित भारतीय भैंसों की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक अफगानिस्तान में भारत के चार कांसुलेट्स हैं जो कि एक नोट एक बेस्ट एक ईस्टर्न साइड और एक साउदर्न अफगानिस्तान में स्थित है। स्क्रीन पर आप देख सकते हैं की मजार ई शरीफ हेरात कंधार जबकि चौथा पाकिस्तान के बिल्कुल पास जलालाबाद में कॉन्सिलिएट ऑफिस है

जो अफगानिस्तान की राजधानी काबूल के बिल्कुल पास है चारों कांसुलेट्स की अलावा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारतीय एंबेसी भी है, लेकिन अब द हिंदू और कई बड़े-बड़े मीडिया उसके वाले सीन मीडिया रिपोर्ट सामने निकल कर आई है कि भारत ने अफगानिस्तान के साउदर्न रीजन में बिगड़ते हालातों को देखते हुए अपना कांसुलेट्स बंद करने का फैसला किया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान के साउदर्न पार्क में स्थित कंधार कांसुलेट्स को बंद करके वहां से सारे भारतीय स्टाफ को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिसके तहत वहां पर तैनात सभी 50 डिप्लोमेट को वहां से एयर लिफ्ट करने के लिए इंडियन एयरफोर्स की स्पेशल फ्लाइट जाएगी, जिसको आईटीबीपी के जवान सिक्योरिटी प्रवाहित करेंगे यानी जिनमें क्वेश्चन ऑपरेशन भारतीय एयर फाॅर्स और आईटीबीपी के जवान मिलकर चलाएंगे जिसका मतलब है

कि इसके लिए एयर इंडिया और इंडियन आर्मी की मदद फिलहाल नहीं ली गई है। वैसे भारतीय सरकार ने इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं किया कि यह वैकेशन ऑपरेशन कब शुरू होगा और कब तक सभी भारतीय डिप्लोमेट को अफगानिस्तान से वापस ले आए साथ में आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि जो जलालाबाद और है रात में स्थित कांसुलेट्स ऑफिस है,

वह इसी साल अप्रैल के महीने में बंद कर दिया गए थे, जिसके बाद अफगानिस्तान में एक ही बार की एंबेसी और मजार ई शरीफ कौन सी डेट ऑफ इसी ऑपरेशनल है।

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आपको भी शायद याद होगा कि पिछले हफ्ते भारत ने अफगानिस्तान में सभी भारतीयों को किडनैप होने के खतरे से अवगत करवाया था, जिसके बाद यह कदम बहुत ही ज्यादा जरूरी हो गया था है। वैसे आपको क्या लगता है कि क्या अपनी डिप्लोमेट के साथ-साथ भारतीय सरकार को अफगानिस्तान से सभी सिविलियंस को भी एयर लिफ्ट करके इसी तरह वापस लाना चाहिए। हां या फिर अभी नहीं नीचे कमेंट करके अपनी राजा सुनो चैनल को सब्सक्राइब करो उसके बाद घंटी बजा देना ताकि अगली वीडियो आपसे उपाय।

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