DRDO ने काटा अमेरिका, रूस और इजरायल का नंबर, भारतीय सेना को दिखाई ताकत

वैसे आपको याद होगा जब इधर बेजान और 1 महीने के बीच युद्ध हुआ उसमें ड्रोन का भूति प्रमुख रूप से इस्तेमाल हुआ था और उन्होंने काफी तबाही मचाई थी जिसको देखकर दुनिया के सभी देशों ने अपने भी ढूंढ प्रोग्राम काफी तेज कर दिया था और इसे डिफेंस की तैयारियां कर रहे थे। मगर बड़े-बड़े आम रूम से बचने और उनके खिलाफ डिफेंस मजबूत करते-
करते भारत में लूट के खिलाफ डिफेंस मजबूत करना तो भूल जिसकी बदौलत हमें जमुई को स्टेशन पर हमला देखना पड़ा। सिक्योरिटी एजेंसीज फॉर सरकार दोनों का यह बहुत ही बड़ा। फेलियर था। लेकिन खुशी की बात अब यह है कि इस पर बहुत ही तेजी से काम हो रहा है। आपको याद होगा।
हमने आपको एक वीडियो में बताया था कि भारत ने एंट्री टोन सिस्टम्स खरीदने के लिए फॉर्म ऑफ आई यानी रिक्वेस्ट फॉर इनफॉरमेशन का पेमेंट लोड किया है जिसके तहत दुनिया भर की कंपनियों से अपने-अपने एनवीरो सिस्टम्स प्रपोज करने के लिए कहा गया था।
भारतीय सरकार ने जो एंटीडोट सिस्टम्स के लिए रिक्वायरमेंट रखी थी, उसके बेसिस पर यह कयास लगाए जा रहे थे कि भारत अमेरिका रसिया यह इजरायल की किसी कंपनी से एंट्री टोन सिस्टम खरीद सकता है, लेकिन इन सभी देशों की एंट्री टोन सिस्टम की कंपनियां भारत के लिए एंट्री टोन सिस्टम प्रपोज कर पाती।
उससे पहले ही डीआरडीओ ने सभी आलोचकों के बिल्कुल बंद कर दिया है और सरकार के सामने दुनिया के सबसे एडवांस्ड एंटीडोट सिस्टम में से एक खड़ा करके रख दिया है। आपको याद होगा कि पिछले हफ्ते डीआरडीओ के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विद की डायरेक्टर डॉ मंजुला ने स्टेटमेंट में कहा था कि डीआरडीओ का d4 एंटी ड्रोन सिस्टम जम्मू एयरफोर्स स्टेशन जैसे हमलों को रोकने में पूरी तरह सक्षम है
जो हम रिपब्लिक डे परेड यानी गणतंत्र दिवस के दिन न्यू दिल्ली और राजपूत की याद में तैनात करते हैं जिसके बाद कई भारतीय डिफेंस एक्सपर्ट्स ने सरकार और एजेंसीज की काफी आलोचना की थी और यह कहा था कि अगर हमारे पास ऐसी टेक्नोलॉजी है तो फिर हम किस चीज का इंतजार कर रहे हैं। क्यों मन को तैनात नहीं कर रहे हैं और क्यों विदेशी कंपनियों से रिक्वेस्ट फॉर इनफॉरमेशन डॉक्यूमेंट का वेट किया जा रहा है।
लेकिन अब लगता है कि सरकार और एजेंसी दोनों ही नींद से जाग गई है ऑटो एकोनोमिक टाइम्स स्वराज्य मैगजीन और के बड़े-बड़े मीडिया जिसकी वाले सीएम एयरपोर्ट सामने निकल कर आ रही है कि डीआरडीओ ने अपने एंट्री टोन सिस्टम का एक डेमो भारतीय सेना को दे दिया है क्योंकि 4 किलोमीटर के दायरे में आने वाली ड्रोन जैसी सभी लोग फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को टारगेट करने में बिल्कुल सक्षम है।
रिपोर्ट के मुताबिक 4 किलोमीटर की रेंज के साथ साथ ये एंटी डॉन सिस्टम डिटेक्शन, जिमिंग और काउंटर मेजर्स यह सभी जरूरी ऑपरेशंस करने में सक्षम है। द इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अगर भारतीय सेना इस तरह के 100 से ज्यादा एंटी ड्रोन सिस्टम दिया। drdeo से खरीदति है तो इस तरह के एक अन्य दो सिस्टम की बल्क परचेज में कीमत लगभग ₹220000000 के आसपास होगी।
आज के समय दिया डीओईएसीटोन सिस्टम एक दूसरी पब्लिक सेक्टर ndt भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ ज्वाइंटली मेन्यू फेक्टर रहा है। लेकिन drdeo ने एक ये प्रपोजल दिया हे की एंटी ड्रोन सिस्टम को बढ़ाना है तो फिर टाटा एलएनटी और अडानी ग्रुप को ट्रांसफर ऑफ़ टेक्नोलोजी के तहत तहत कुछटर्म कंडीशन के साथ इंक्लूड किया जा सकता है ताकि सब एक साथ अलग-अलग काम करें और इस तरह के एंटी डॉन सिस्टम को भारत में जल्दी से जल्दी मैनुफेक्टर किया जा सके। DRDEO द्वारा डेवलु ये एंटी डॉट ड्रोन सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमिंग प्रूफिंग कम जैमिंग टेक्नोलॉजी से लैस है जो इसको और भी अफ्री शेटस बना देती है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना के तीनों अंगों आर्मी एयरफोर्स और नेवी तीनों इस समय यह अस्स मेन्ट कर रहे हैं कि उनके किन किन एसएक्स को एंटीडोट सिस्टम की प्रोडक्शन की जरूरत पड़ेगी जिसके बाद ही किसी संख्या पर पहुंचा जा सकता है। वैसे भारतीय सरकार को किसी भी विदेशी कंपनी से एन डी डॉन सिस्टम खरीदने से पहले भी DRDEO की एंटी ड्रोन सिस्टम को कंसीडर करने के साथ-साथ परयोटि जरूर देनी चाहिए। जो की पूरी तरह मेड इन इंडिया होगा। वैसे हमें डीआरडीओ पर गर्व होना चाहिए कि उसने इतना एंटी ड्रोन सिस्टम न जाने कितने साल पहले डेवलप कर दिया था जो इतने सालों से बेहद अफरीसेट्स तरीके से हर साल गणतंत्र दिवस के दिन नई दिल्ली की रक्षा करता हे