News

एंटी डंपिंग ड्यूटी का सामना करने के लिए बांग्लादेशी फ्लोट ग्लास | क्या भारत सरकार लेगी बड़ा फैसला ? मेक इन इंडिया |

चाणक्य के नक्शे कदम पर चलने वाला बांग्लादेश अब भारतीय मनिफेक्चर नुकसान पहुंचाने की लगातार कोशिशें कर रहा है और टेक्सटाइल फुटवियर और केमिकल के बाद अब ऐसी चीज की डंपिंग भारत में करने लग गया है, जिसका इस्तेमाल करता फिर ऑटोमोबिल ऑफ सोलर एनर्जी के क्षेत्र में किया जाता है। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का हाथ पकड़कर बांग्लादेश धीरे-धीरे भारतीय मैन्युफैक्चर उसका गला पकड़ने की तैयारी में है।

Advertisement

एंटी डंपिंग ड्यूटी का सामना करने के लिए बांग्लादेशी फ्लोट ग्लास | क्या भारत सरकार लेगी बड़ा फैसला ? मेक इन इंडिया |

हम बात कर रहे हैं क्लियर प्रो ग्लास की जिसको बांग्लादेशी मनिफेक्चर भारत में सस्ती कीमतों पर डम्ब करने लग गए हैं और जिसकी कीमत भारतीय मनिफेक्चर को चुकानी पड़ रही है। आपको बता दें कि डम्ब करने का मतलब होता है ओरिजिनल मार्केट प्राइस से भी कम कीमत में किसी फॉरेन मार्केट में सामान एक्सपोर्ट करना।

इतनी बड़ी मात्रा में क्लियर फ्रॉम ग्लास की भारत में डंपिंग की वजह से भारतीय मैन्युफैक्चर को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है और सस्ता होने की वजह से खराब क्वालिटी के गिलास इसका इस्तेमाल खिड़की रेफ्रिजरेशन ऑटोमोबील्स और सोलर एनर्जी क्षेत्र में छोटे भारतीय मनिफेक्चर कर रहे हैं।

ऐसी पहली बार नहीं है कि बांग्लादेश भारत दी हुई मदद का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है। इससे पहले भी बांग्लादेश की ऐसी हरकत की वजह से वहां से इंपोर्ट होने वाले जूकबॉक्स हाइड्रोजन पेरोक्साइड डाकपत्थर फिशिंग नेट पर भारतीय सरकार द्वारा इंपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी।

एंटी डंपिंग ड्यूटी का सामना करने के लिए बांग्लादेशी फ्लोट ग्लास | क्या भारत सरकार लेगी बड़ा फैसला ? मेक इन इंडिया |

दरअसल बांग्लादेश अब लिस डवलेप कंट्री की लिस्ट में आता है पर अगर भारत को बांग्लादेश से इंपोर्टेड किसी भी चीज पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगानी हो तो उससे पहले ट्रेड रूल्स के अनुसार भारत को बांग्लादेश से पूछकर इन्वेस्टिगेशन करनी होती है

किसी भी डंपिंग के खिलाफ बिना पूछे की गई कोई भी इन्वेस्टिगेशन रूल्स खिलाफ होती है और इसलिए भारतीय मैन्युफैक्चर्ड के कहने पर भारतीय सरकार ने यह शिकायत बांग्लादेश हाई कमीशन के सामने रखी है और जल्दी डिस्कशन के बाद प्रो ग्लास की डंपिंग को लेके इन्वेस्टिगेशन शुरू की जाएगी और अगर इसमें बांग्लादेशी मैन्युफैक्चर आरोपी पाए गए तो एंटी डंपिंग ड्यूटी तुरंत लगाई जाएगी।

बांग्लादेश के 3 बड़े मैन्युफैक्चरर्स इन क्लास को भारत में डैम्प कर रहे हैं और यह डंपिंग 1 साल में बहुत तेजी से बढ़ी है जहां पे ने 2019 से 2020 के बिच बांग्लादेश ने। .7 मिलियन डॉलर के ग्लास एक्सपोर्ट भारत को किया था।

वही 2020 से 2021 के बीच एक्सपोर्ट 357% बढ़कर 3.39 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह बात सच है कि बांग्लादेश बहुत तेजी से मेनिक्चरिंग की फिल्ड आगे बढ़ रहे हैं और यह रफ्तार भारत से कहीं ज्यादा है पर बांग्लादेश इकोनामी ज्यादातर एक्सपोर्ट पर बेहतर है क्योंकि बांग्लादेश का खुद का मार्केट काफी छोटा है।

ऊपर से कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और लिस नेशन का दर्जा मिलने की वजह से यह देश अब दूसरे बड़े देशों के मार्केट की रिस्पेक्ट करना भूल गया है।

एंटी डंपिंग ड्यूटी का सामना करने के लिए बांग्लादेशी फ्लोट ग्लास | क्या भारत सरकार लेगी बड़ा फैसला ? मेक इन इंडिया |

खासकर ऐसे पड़ोसी देश की जिसकी वजह से बांग्लादेश हर साल मिलियन डॉलर कमाए रहा है बांग्लादेश से भारत को पूरे एक्सपोर्ट के खिलाफ हम बिल्कुल भी नहीं है। लेकिन तब तक जब तक ट्रेड में गलत प्रैक्टिसेज नहीं थे,

यह बात निश्चित है कि भारतीय सरकार लोकल मैन्युफैक्चर को बचाने के लिए ऐसे कदम उठा सकती है जिसकी वजह से बांग्लादेश का बिजनेस ठप पड़ सकता है। पर यह भारत की उदारवादी नीति ही है जिसकी वजह से भारत में सभी नियमों का पालन कर रहा है

जिसकी वजह से बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देश को नुकसान ना पहुंचे। इसलिए बांग्लादेशी मेनिफेक्टर गुंडागर्दी करने से पहले यह सोचना चाहिए कि जिस देश के साथ पंगा ले रहा है वह अपनी पर आ जाए तो अच्छे-अच्छे चूरन देशों का पेट खराब हो जाता है | धन्यवाद जय हिंद!

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button