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APJ अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति बनते ही अपनी सारी जमा पूंजी दान क्यों की

दोस्तों क्या आप जानते हे हमारे देश के महान मिसाइल मेन कहे जाने वाले माननीय अब्दुल कलाम आज़ाद का पूरा नाम क्या था चलिए में आपको बताता हु दोस्तों कलाम साहब का सादगी भरा जीवन इतना सहज था की इनकी बायोग्राफी आज के हर युवा को सुननी चाहिए।

दोस्तों क्या आपको पता हे कलाम साहब ने राष्ट्पति बनते ही अपनी सारी जमा पुंजी दान करते हुए कहा की अब में राष्ट्पति बन गया हु मेरी देखभाल तो अब आजीवन सर्कार करेगी। अब में अपनी बचत और वेतन का क्या करूँगा। महान कलम ने अग्नि ,ब्रम्हास्त्र,और पृथ्वी जैसी मिसाइल की देश को सौगात दी।
आपको बता दे की उन्होंने राष्ट्पति का कार्यकाल पूरा करने के बाद खुद को बच्चो और युवाओं को समर्पित कर दिया। अब दोस्तों आपको बता दे की उनका पूरा नाम क्या था तो उनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलब्दीन अब्दुल कलाम था उनकी चिंता हमेशा आखिरी सांसो तक देश की ही रही। एक बार की बात है।
जब किसी बैठक में इंदिरा गांधी ने अब्दुल कलाम का परिचय अटल बिहारी वाजपेई जी से कराया, लेकिन परीक्षा के समय उन्होंने कलाम से हाथ मिलाने की बजाय गले लगा लिया। हालांकि क्या देखते हुए इंदिरा गांधी शरारती ढंग से मुस्कुराए और वाजपेई की चुटकी लेते हुए कहा कि अटल जी लेकिन कलाम तो मुसलमान है और फिर अटल बिहारी जी ने भी इस बात का जवाब यह कह कर दिया कि अब्दुल कलाम ना हिंदू और ना मुसलमान है।

वह तो एक भारतीय और वैज्ञानिक महान है। दरअसल अगर कलाम इस इनविटेशन को स्वीकार कर लेते तो फिर बीजेपी को ना सिर्फ एक काबिल मंत्री मिलता बल्कि पूरे भारत के मुसलमानों को यह संदेश जाता कि बीजेपी की सरकार में जातिवाद नहीं चलता है और फिर इस प्रस्ताव पर पूरे 1 दिन विचार करने के बाद से अगले दिन कलाम जी ने अटल बिहारी वाजपेई से मिलकर बहुत ही विनम्रता पूर्वक इस पद को अस्वीकार कर दिया।
दरअसल उन्होंने कहा कि न्यूक्लियर टेस्टिंग अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है और वह अपनी वर्तमान जिम्मेदारियों को निभा कर देश की बेहतर सेवा कर सकते हैं और फिर इसी वाकया कि 2 महीने के बाद भारत ने न्यूक्लियर बम टेस्ट किया था और इस उपलब्धि में अब्दुल कलाम जी का बहुत ही बड़ा।

योगदान रहा और दोस्तों! दोस्तों कलाम साहब के बारे में अपने विचार जरूर पेश कीजिये और फिर इसी तरह से आगे चलकर 2002 में जब एपीजे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति बने, तब उनके सामने यह समस्या आई कि बरसों से नीली कमीज और स्पोर्ट्स शूज़ पहन कर हर जगह जाने वाले कलाम अब क्या पहनेंगे क्योंकि उन्हें भारत देश को पूरी दुनिया के सामने रिप्रेजेंट करना था
और ऐसे में पोशाक का भी अच्छा होना कहीं ना कहीं मायने जरूर रखता है और इसीलिए उन्होंने उस दर्जी को बुलवाया। इसने पिछले कई राष्ट्रपतियों के सूट सिले थे और फिर दर्जी ने आकर एपीजे अब्दुल कलाम की नाप ले ली और उनके लिए 4 नए सूट सेल कर लाया, जिसके गले बंद हुआ करते थे और आज कल इस तरह की सूट को नींद टूट के तौर पर जाना जाता है।
हालांकि कलाम में जब यह सूट पहना हुआ इससे बिल्कुल भी खुश नहीं थे क्योंकि वह कहते थे कि इस सूट में ऐसा लगता है कि मुझे सांस लेने में प्रॉब्लम।
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