
दोस्तों दूरदर्शन चैनल पर दिखाई जाने वाली रामायण को भला कौन भूल सकता है दुनिया भर में रामानंद सागर की रामायण के चर्चे है और इसे पसंद किया गया है. इसमें काम कर चुके सभी किरदार भी काफी हिट हो चुके है लेकिन कई ऐसे सितारे भी रहे है
जो इस दुनिया में नही है. दशहरे से कुछ दिन पहले रावण का किरदार निभा चुके अरविन्द त्रिवेदी का निधन हुआ था और आज रामायण के दुसरे मुख्य कलाकार की मौत हो गयी है. रामायण में निषाद राज का किरदार निभाने वाले चन्द्रकांत पंडया ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है.
चंद्रकात का जन्म 1 जनवरी 1946 को हुआ था और 74 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उनके निधन की खबर सुनकर टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गयी है. वहीँ रामायण में राम का किरदार निभाने वाले कलाकार के अलावा सभी कलाकारों ने दुःख व्यक्त किया है. सीता दीपिका चिखलिया ने भी इन्स्टाग्राम पोस्ट में दुःख प्रकट किया है .
चन्द्रकांत ने रामायण के अलावा कई फिल्मो में भी काम किया है. उन्होंने हिंदी. गुजराती जैसी कई सुपर हिट फिल्मो में काम किया था. अभी फैन्स अरविन्द त्रिवेदी के निधन के दुःख से उभर भी नही पाए थे कि रामायण के और किरदार ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
भगवान राम के बचपन के मित्र निषाद का किरदार चन्द्रकांत पंडया ने निभाया था जोकि इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गये है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चन्द्रकांत पंडया के निधन की खबर रामायण की सीता यानी दीपिका चिखलिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिये फैन्स को दी है.
इस खबर ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है दीपिका चिखलिया ने अपने इन्स्टाग्राम स्टोरी पर निषाद राज यानी चन्द्रकांत पंडया की फोटो शेयर करते हुए उनके निधन के बारे में बताया. इस खबर से न केवल फैन्स बल्कि रामायण का हर वो कलाकार दुखी है जिसने रामायण में काम किया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चन्द्रकांत पंडया को लोग प्यार से बबला नाम से भी बुलाते थे. चन्द्रकांत के पिता एक बिजनेसमैन थे जोकि गुजरात से आकर बाद में मुंबई में ही बस गये थे. चन्द्रकांत ने अपनी पढाई लिखाई मुंबई से की थी. आपको बता दें कि चन्द्रकांत बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर अमजद खान के पक्के दोस्त भी थे. अमजद खान ने शोले फिल्म में गब्बर का किरदार निभाया था जोकि काफी हिट हुआ था.
चन्द्रकांत को बचपन से ही एक्टिंग और नाटको में काफी रूचि थी जिसके चलते उन्होंने नाटको में हिस्सा लेना शुरू कर दिया और फिर आगे जाकर उन्हें रामानन्द सागर की रामायण में काम करने का मौका मिला था.