एक बार फिर मोदी ने चाइना पाकिस्तान और तुर्की भारत विरोधी देशो से लोहा मनवा दिया

वैसे एक बात से तो आप भी सहमत होंगे कि इस करुणा महामारी ने पाकिस्तान चाइना लड़की जैसे सभी भारत विरोधी देशों को इस चीज का एहसास तो जरूर करवा दिया है कि नहीं। वर्ल्ड ऑर्डर में भारत भी उतना ही पोटेंट देश है। जितनी बार का आर्डर दिया क्योंकि जितना दुनिया भर के छोटे-बड़े तमाम देशों ने भारत की तरफ मदद कहां पड़ा है। वह आमतौर पर बहुत ही कम देखने को मिलता है। शुरुआत में इटली में भी सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी।
जाने क्यों अनचाहे को भी बंद करना पड़ा था और अमेरिका में तो मौत का क्या मंजर था। वह तो आप सबको पता ही है लेकिन सबकी मदद के लिए दुनिया के इतने दे सामने नहीं आए। जितना भारत के लिए आ गया है।
अब इसका श्रेय मोदी सरकार को दिया जाए या नहीं तो आपको तय करना है। मगजमारी डाक्यूमेंट्स जो इस मुसीबत की घड़ी में भी दुनिया के कोने कोने में जाकर भारत के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। यह श्रेय उनको जरूर मिलना चाहिए।
पूरे घटनाक्रम की खास बात है कि भारत की मदद करने के लिए मेरे देश के मुस्लिम अरब देशों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। किसी ने ऑक्सीजन सिलेंडर्स भेजिए तो किसी ने ऑफिशल
डेटा विन कुछ वैज्ञानिक ऑक्सीजन कंटेनर तक भेजें ताकि भारत मिशन को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसपोर्ट करने में किसी दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
वैसे तो भारत में सेकंड का प्रभाव दृष्टिकली कम हो गया है। पोस्टिंग कैसे 440000 पार्टी के आसपास आ गए हैं, लेकिन कई देशों से भारत को मदद अभी भी पहुंच रही है। 2 दिन पहले प्राची ऑफिस इन ज नेशन पास पहुंचने के बाद आज मिली से भी मदद का बहुत बड़ा कंसाइनमेंट पहुंचा है।
दर्शन आउटलुक इंडिया टीवी पर आज के नया न्यूज़ एजेंसी और कई बड़े-बड़े वीडियो सोशल मीडिया रिपोर्टों में निकल कर आ रही है कि मिडिल ईस्ट में कुवैत कतर से मेडिकल सप्लाईज लेकर इंडियन नेवी का नीमच फाइनेंस शार्दुल मुंबई पोर्ट पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक कुवैत और कतरने करुणा वाले से लड़ाई में भारत की मदद के लिए 7640 फील्ड ऑफिसर सिलेंडर्स 2 कंटेनर जिनमें 20 मेट्रिक टन ऑक्सीजन पहले से फील्ड है और 15 सीजन कंसंट्रेटेड भेजे हैं, जिनको समुद्र सेतु टू ऑपरेशन के लिए डिप्लॉयड इंडियन नेवी के नवल शिप फाइनल शेड्यूल सपोर्ट करके फैसला लिया है।
अब अगर आप में से कुछ लोग यह सोच रहे हैं कि भारत में करुणा बारिश की साइकिल बताओ खत्म हो गई है तो फिर भी यह सभी देश भारत को लगातार मदद क्यों भेज रहे हैं तो आपको बता दूं कि जो भी मदद आज की डेट में पहुंची है। यह मदद और मेडिकल इक्विपमेंट्स भारत के लिए काफी दिनों पहले शेड्यूल कर दिए गए थे, जिनका इलाज उन देशों ने काफी पहले कर दिया था। जब भारत में साइकिल पर थी।
उनकी स्थिति भारत में नार्मल हो गई है। तू कुछ दिनों के बाद अब बारी देशों से मदद आना भी बंद हो जाएगा। ऐसा नहीं है कि यह मदद बिल्कुल बेस्ट हो जाएगी। यह कि तुम सब कुछ पता है कि अगर सेकंड ईयर की तरह भर में थर्ड में भी आती है तो यह सारी मदद दी।
बिल्कुल कम पड़ जाएगी जिसका मुख्य कारण में भारत की जनसंख्या 135 करोड़ की जनसंख्या भारत की। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि कुवैत में भारत की मदद के लिए यह कोई पहला कंसाइनमेंट नहीं भेजा है। पिछले महीने में बेबी विद में भारत की मदद के लिए 1000 ऑक्सीजन सिलेंडर और 325 मैट्रिक टन ऑक्सीजन से बड़े सामी ट्रेलर्स भेजे थे। एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन अरिंदम भारती ने भी इस मुश्किल की घड़ी में भर की मदद करने के लिए कुवैत और कतर का आभार व्यक्त किया है।
वैसे इतना कुछ देखने के बावजूद भारत में कई लोग मोदी सरकार को शुरुआत में विदेशों को वैक्सीन एक्सपोर्ट करने पर बुरा भला कह रहे हैं, लेकिन इसपर आपकी क्या राय है। तमाम देशों की मदद मिलने के बाद आप किस पर क्या रहा है। क्या मोदी सरकार ने भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशों को वैकेंसी अप्लाई करके तब ठीक किया था। हां या फिर नहीं नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।