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27 साल के शांतनु के इस Idea ने दिल जीत लिया रतन टाटा का उसे रातो रात dgm बना दिया

वो कहते है न आपको नेक कर्म इंसानियत आपको एक दिन उस मुकाम पर पहुंचा देती है जिसकी आपने कल्पना नही की होगी ! ऐसा ही कुछ मुंबई के एक 27 साल के लड़के शांतनु नायडू के साथ हुआ ! उनकी इंसानियत का तोफा उसे टाटा ग्रुप के ग्रुप चेयरमैन रतन टाटा के रूप में मिला !शांतनु एक एनीमल लवर है और ख़ास कर कुत्तों से उन्हें बहुत लगाव है ! 5 साल पहले मुंबई की सड़क पर हुए एक हादसे में शांतनु का ध्यान अपनी तरफ खिंचा ! उसके बाद शांतनु ने स्ट्रीट डॉग की जान बचाने के लिए कुछ करने का सोचा !

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27 साल के शांतनु के इस Idea ने दिल जीत लिया रतन टाटा का उसे रातो रात dgm बना दिया

काफी सोचने विचारने के बाद शांतनु ने कुत्तों के लिए चमकदार कॉलर बनाने के सोची जो अँधेरे में चमके और ड्राइवर को दूर से ही दिखे और शांतनु ने वैसे ही किया और गली मोहल्ले के कुत्तों को वो कॉलर पहनना शुरू कर दिया ! कुछ दिन बाद कुत्तों के लिए चमकदार कॉलर बनाने का शांतनु का आईडिया चर्चा का विषय बन गया ! लोगों ने जमकर इसकी तारीफ़ की ! शांतनु की कहानी को एक फेसबुक पर ह्युमनऑफ़ बोम्बे पर भी शेयर किया गया ! जिसे 21 हजार लोगों ने पसंद किया और पढ़ा है !इतना ही नही टाटा ग्रुप की मेग्जिन में भी यह कहानी छपी है अब बारी थी शांतनु को उनके नेक काम का रिवॉर्ड मिलने की !

27 साल के शांतनु के इस Idea ने दिल जीत लिया रतन टाटा का उसे रातो रात dgm बना दिया

अब उसकी जिन्दगी बदलने बाली थी दरअसल शांतनु को रत्न टाटा की तरफ से साथ काम करने का ऑफर मिला है ! शांतनु बताते है की उनके पिता ने उनसे रतन टाटा को चिठ्ठी लिखने को कहा क्योंकि रतन टाटा को भी कुत्तों से बहुत प्यार है ! शांतनु पहले तो बहुत हिचकिचाए पर फिर उसने चिठ्ठी लिख दी ! लगभग 2 महीनों बाद शांतनु को खत का जबाब आया और रतन टाटा ने उसे मिलने बुलाया था ! शांतनु को यकीन नही हो पा रहा था की यह सब सचमुच में उनके साथ हो रहा है ! शांतनु ने रतन टाटा से उनके मुंबई स्थित ऑफिस में मुलाकात की !रतन टाटा ने न सिर्फ शांतनु के काम को सराहा बल्कि उसे उनके काम के लिए फाइ

27 साल के शांतनु के इस Idea ने दिल जीत लिया रतन टाटा का उसे रातो रात dgm बना दिया

नेशियल हेल्प करने की भी बात कही !

शांतनु ने रतन टाटा के पालतू कुत्तों से भी मुलाक़ात की ! इसके बाद शांतनु मास्टरज के लिए पढ़ाई करने विदेश चले गए ! वहां से लौटने पर रतन टाटा ने खुद शांतनु को फोन किया और अपने साथ काम करने का ऑफर दिया ! रतन टाटा ने कहा मुझे ऑफिस में बहुत सार काम करवाना है क्या तुम मेरे सहायक बनना चाहोगे ? यह बात सुनकर शांतनु फोन का रिसीवर पकडे खड़े रहे फिर एक लम्बी सांस ली और हाँ कह दिया !रतन टाटा किसी को खुद फोन कर जॉब ऑफर करे तो आप समझ सकते है यह अपने आप में कितनी बड़ी बात है ! इस खबर में फिलहाल इतना ही !

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