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हथियारो और सैन्य गाड़ियों का बड़ा जखीरा तालिबान के हाथ लग गया

आज के समय जो अफगानिस्तान की आर्मी यूएसए ने तैयार करी थी। अपना पैसा लगाकर उन को ट्रेनिंग देकर जिनका सिंपल काम किया था कि डेमोक्रेसी को बचा कर रखना अफगानिस्तान एंड शोर करना है कि तालिबान वापस काबुल में कब्जा ना कर ले। यह सेना आज के समय अफगानिस्तान छोड़कर भाग रही है।

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हथियारो और सैन्य गाड़ियों का बड़ा जखीरा तालिबान के हाथ लग गया

हमारी कंप्लायंस कितनी बुरी तरीके से और इतनी जल्दी फेल होंगे। दुनिया में किसी को अंदाजा था नहीं। यहां पर आप देखोगे आर्टिकल है। कुछ ही घंटों पहले न्यूज़ आई है कि तालेबान ने अब काम धार डिस्ट्रिक्ट क्या चेक कर लिया है। स्थान की फोटो चाहिए। युवा स्ट्रैंड यह भाग रही है। ताजिकिस्तान में आसपास जो भी देखने को मिल रहा है, अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं

क्योंकि इनको यह बता है कि अगर तालेबान को पकड़ लिया। यूएस बैक फाॅर्स को पकड़लिया तो बहुत बुरा हस्ल करेंगे। मैप्स यह है एशिया का मैप और यह हमारा प्यारा भारत और यहां पर अफगानिस्तान अफगानिस्तान के नोट में ताजिकिस्तान आसपास और देश भी है तो तुर्कमेनिस्तान इरान में जो भी बॉर्डर है, यह बहुत ही पहले कंप्लीट लिस्ट सेट कर दी थी।

वह तालिबान यहां पर तो यहां पर लो भाग सकते नहीं है। मगर ताजिकिस्तान तुर्कमेनिस्तान में यहां पर यूएस फाॅर्स अफगान फोर्सेज भाग रही है और कोई बड़ी बात नहीं है कि आने वाले 2 से लेकर 3 महीनों में जो कैपिटल है अफगानिस्तान की का बोल यहां पर तालिबान कब्जा कर ले और यूएस इसमें तो देखो। क्वेश्चन यह पूछा जा रहा है कि जैसे कि यूएसए की जो एंबेसी है, काबुल में एक सेटिंग डक हे ।

हथियारो और सैन्य गाड़ियों का बड़ा जखीरा तालिबान के हाथ लग गया

इसको भी उठा कर आ से निकालो हमारे डिप्लोमेट को यहां से निकालो क्योंकि एक कभी भी तालिबान यहां परअटैक कर सकता है और अगर तालेबान ने यहां पर यूएस डिप्लोमेट को मार दिया तो ऐसे बहुत ही सारा खराब हो जाएगी पूरी दुनिया में यहां पर आप एक क्वेश्चन पूछेंगे। अभी तालिबान का साइज कितना है कितने लोग हैं,

मिलियंस में है क्या यह तो इसका आंसर नहीं अफगानिस्तान की टोटल आबादी आप अगर देखो तो रफली ली। तीन करोड़ 80 लाख के आसपास है। इस आबादी में से जो मेन तालिबान के फाइटर्स है, यह है रफली ली। 50 से लेकर 7000 कुछ एस्टीमेट कहते हैं। 70000 हो सकते हैं मगर मैक्सिमम इनके नंबर 70 हजार के आसपास ही है।

अब यहां पर आप पूछोगे 70000 की फौज इतनी ज्यादा होती नहीं है। यह लगातार एक के बाद डिस्ट्रिक कैप्चर कर रहे हैं। यह सब ऐसा कर कैसे पा रहे हे इनकी मूवमेंट इतनी तेज क्यों है? देखो यहां पर आता है। यूएसए का मेगा ब्लंडर यूएसए ने क्या किया है कि अपनी आर्मी को यहां पर निकालने से पहले जो इनके टेंक्स थे ।

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वापस लेकर गए नहीं क्योंकि इनके हिसाब से कुछ डेमेज हो चुकी थी। कुछ यह पर टेंक्स के रेडार काम नहीं कर रहे थे तो इन लोगों ने क्या किया कि जो यहां पर इनके बहुत सारे हथियार थे जो गाड़ियां हैं जो अमेरिकन वर्ल्ड क्लास स्टैंडर्ड को मिड नहीं करती, वहीं पर छोड़ दिया और इसलिए आज के समय आप आकर देखो तो 700 ट्रक 7०० मेट्रोलोट और यह ऐसे ट्रक हे जो अटैच हो सकते हैं।

मिलिट्री ग्रेट ट्रक से उसके अलावा कई टेंक्स अमुनेशियन्स वेपंस यह सब लग गया। तालिबान के हाथों इसलिए इनकी जो मूवमेंट आप अगर देख रहे हो, इतनी रापेट है। हर दूसरे तीसरे दिन सुनने में आया है कि एक और डिस्ट्रिक्ट गिर चुका है। तालिबान और आगे पहुंच गया हे कबूल के और ज्यादा पास जा रहा है तो यह इन वेरी सिंपल वर्ड्स लापरवाही आप कह सकते हैं। यूएसए की, क्योंकि तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्जा कर लेगा।

किसी को इस बात पर ज्यादा शक था नहीं मगर लोग यहां पर मान के चले थे कि जो यूएस ने ट्रेन किया अफगानिस्तान के लोग अफगानिस्तान के सोल्जर यह दो-तीन साल तक टिकेंगे कुछ स्टेबलाइजेशन यहां पर होगी। इंडिया को भी इस बात पर भरोसा था। मगर ज्वाइन की स्पीड हे डरा देने वाली है। इस समय एक एक्सपर्ट यह भी है कि कई अफगानिस्तान के सोल्जर जो सपोर्ट करते हैं।

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अफगानिस्तान की गवर्नमेंट को यह सरेंडर कर रहे हैं। तालेबान को अब तालिबान क्या करता है। इनको इनको सरेंडर करवा कर अपनी आर्मी में ज्वाइन करवा लेता है और जो इनके हत्यार है, वह ले लेता है तो तालिबान आप अगर देखो तो लगाता स्ट्रांग बनना है और पॉसिबिलिटी है कि आने वाले कुछ महीनों में तालेबान अपनी पिक पर चला जाए।

आज के समय तालिबान और यह टॉपिक बाय द वे इंडियन पर्सपेक्टिव से बहुत इंपॉर्टेंट है। वह स्थान बिल्कुल हमारे नेबरहुड में आता है। आप अगर इंडिया का प्रॉपर ऑफिसियल मैप आप देखो तो और डर भी है वे दबाने सोनल पर्सनली पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर की वजह से हम अभी देख ली, वहां पर टेबल कर नहीं सकते। मगर इंडिया के ओवरऑल बिलियंस की इन्वेस्टमेंट भी है।

गाने स्थान में उत्सव एमएस पेंट का क्या होगा। क्या आपने बिना बजे इतना सारा पैसा वहां पर खर्च दिया। यह आज के समय बहुत ही बड़ा। क्वेश्चन इंडिया के सामने ना मुझे पता है कि यहां पर आप में से कुछ लोग कहेंगे, नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। कुछ प्लान बना रखी है। हमारे पास प्रॉपरे ब्लूप्रिंट है। हमने तालिबान से बात करना स्टार्ट करती है। हम ऐसा नहीं है। क्या गाने स्थान से बिल्कुल दूर हो जाएंगे।

देखो बीच में न्यूज़ आई थी कि इंडिया ने तालेबान के साथ ऑफिस अली बात करनी शुरू कर दी है। कुछ लोगों ने इस पर वीडियो भी बनाई। मगर मैं आपको यह बता दूं कि यह गलत इंफॉर्मेशन थी। उस वक्त मुझे इस पर भरोसा हुआ नहीं, क्योंकि देखिए मैं इंडिया की फॉरेन पॉलिसी को फ्रॉम हवेरी अकैडमी लेवल फॉलो करता हूं।

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