सबसे बड़ी समस्या ‘एक्सप्रेस वे’ का भारत ने निकाला तोड़

तो दोस्तों अब भारत में जो ऑलरेडी एक्जिस्टिंग एक्सप्रेस वे है, उन्हें सेफ बनाने के लिए अब यह पर कुछ इनोवेटिव स्टेप्स उठाए जा रहे हैं। दरअसल, अब यहां पर यमुना एक्सप्रेस वे जो 2012 कंप्लीट हुआ था और यह काफी अच्छा इंजीनियरिंग मार्वल भी था। यहां पर कार्स कि मैक्सिमम स्पीड अलाउड थी 100 किलोमीटर की लेकिन समय के साथ-साथ ही काफी ज्यादा वन ऑफ द मोस्ट डेडलिएस्ट एक्सप्रेस वे भी बन चुका था।
2019 तक यहां पर डाटा भी है। जहां पर बताया जा रहा है कि 2012 से लेकर 2019 तक तो 4000 से भी ज्यादा एक्सीडेंट हो चुके हैं और किसी भी एक्सप्रेस वे के लिए ये काफी ज्यादा नंबर है। इन्फैक्ट ऑथरिटिस की तरफ से भी अब यह बताया जा रहा है कि जितने भी एक्सीडेंट हुए हैं, इनमे से मोस्ट ऑफ द केस ओवरस्पीडिंग के वजह से ही हुए हैं।
इसको कंट्रोल करने के लिए अब यहां पर ऑथरिटिस ने कुछ रूल अनाउंस किया है। यहां पर अब इनका ऐसा कहना है कि अगर कोई कार इस एक्सप्रेस-वे को 99 मिनट में कंप्लीट कर देती है तो उन्हें फिर चालान भरना पड़ेगा। उन पर फाइन इम्पोस किया जाएगा और वही हैवी व्हीकल के लिए यह टाइम ड्यूरेशन रखा गया है 124 मिनट का तो इस टाइम ड्यूरेशन के बाद से अगर कार या बस लेट जाती है वह चलेगा लेकिन इस टाइम ड्यूरेशन के पहले अगर वहीकल इस पूरी जर्नी को कंप्लीट कर लेती है तो इन पर सीधा ऑनलाइन चालान इंपोस कर दिया जाएगा।
यहां पर ऑथरिटिस ने डिसाइड किया है कि अब वो दो टाइम बूथ सेटअप करेंगे ,जेवर और आगरा के पोषण में ताकि जितना भी टाइम ड्यूरेशन है, कोई व्हीकल के लिए कितना टाइम लग रहा है,उसे यह आसानी से मॉनिटर कर सके। इसके पहले भी ऑथरिटिस इस टाइम को ट्रैक कर दी थी, लेकिन वह था इन दो टोल बूथ के बीच का।
तो वह तो इतना भीषण ज्यादा रहा नहीं। इस कारण की वजह से अब यहां पर इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा अब यहां पर एक और एक काफी अच्छा स्टेप लिया गया है। यमुना एक्सप्रेस वे में उन्होंने कहा है कि वह कुछ बूम बैरियर्स को भी इंस्टॉल करेंगे। अगर कोई ब्लैक स्पॉट है तो यहां पर यह लोग ऐसे कार के स्टैचूष को लगाएंगे जो कि ऑलरेडी काफी गंदे एक्सीडेंट का शिकार बन चुके हैं तो इससे होगा यह कि जो भी ड्राइवर है वो ऐसे स्टैचूष को देखकर वह काफी सजक हो जाएंगे और और स्पीड करने की गलती को वो दोहराएंगे नहीं।
होपफ़ुल्ली ऑथरिटिस के द्वारा यह जो स्टेप लिया जा रहा है तो जागरूकता को बढ़ाने के लिए यह काम आएगा। वैसे इस साल के जून के महीने में यहां पर अनाउंसमेंट कर दी गई थी कि वह ₹108 करोड़ रूपये खर्च करेंगे , यमुना एक्सप्रेस वे के सेफ्टी फीचर्स को और ज्यादा बढ़ाने के लिए। सो होपफ़ुल्ली लेट्स सी की ऑथरिटिस द्वारा लिए गए यह स्टेप्स आने वाले समय में कितने ज्यादा कारगर साबित होते हैं, वैसे आपकी क्या राय है इसके बारे में कमेंट में जरूर बताये।