रहस्यों और कहानियो से भरे है ये गांव जानकर चौंक जाओगे

ये दुनियां अजब गजब बातों और रहस्यों से भरी हुई हैं ! कई बार तो ऐसी ऐसी जानकारी मिलती हैं की उस पर हैरत करे या विश्वास समझ नहीं आता हैं ! आज भी हम आपको कुछ ऐसी ही दिलचस्प बातों से रूबरू कराने जा रहे हैं ! आपको भारत के कुछ ऐसे रहस्यमयी गांवो के बारे में बताने जा रहे हैं ! जिनके बारे में आपने शायद ही कभी सुना हो !
- मलाणा
हिमांचल का ऐंथस>हिमांचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बसा हैं मलाणा गांव ये गांव अपने आप में काफी रहस्यमयी और दिलचस्प हैं ! सबसे पहली बात आपको यहां पर कुछ भी छूने की इजाजत नहीं हैं ! जी हां सही सुना आपने आप यहांकुछ भी छू नहीं सकते ! अब इसके पीछेकी वजह भी जान लीजिये ! दरअसल मलाणा के निवासी अपने आपको सर्वश्रेष्ठ मानते हैं ! ऐसे में किसी बाहरी इंसान ने अगर उनके मंदिर घर यहां तक की अगर दुकानों को भी छू लिया तो वो उस पर 1000 से 2000 रुपये तक का जुर्माना लगा देते हैं ! यहां के निवासी भारत का संविधान भी नहीं मानते इनकी अपनी सदन हैं और उसके अपने नियम क़ानून हैं ! जिसका वो बेहद शक्ति से पालन करते हैं ! इनका कहना हैं की नियम तोड़ने से हमारे देवता नाराज हो जाएंगे जिससे पूरा गाँव तबाह हो जाएगा ! गांव वाले जमलू ऋषि की पूजा करते हैं ! इस गांव के इतिहास के मुताबिक़ जमलू ऋषि ने ही इस गांव के नियम क़ानून बनाये थे ! इस गांव का लोकतंत्र दुनियां का सबसे प्राचीन लोकतंत्र में से एक हैं ! ऐसा माना जाता हैं की जमलू ऋषि को आर्यों से भी पहलेसेपूजा जा रहा हैं ! उनका उल्लेख पुराणों में भी आता हैं !यहां के लोग खुद को आर्यों का वंशज मानते हैं लेकिन एक अन्य परम्परा के अनुसार वो खुद को इस सिकंदर का वंशज मानते हैं ! गांव वालों के मुताबिक जब सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया तो कुछ सैनिकों ने सेना छोड़ दिया और यहां आकर बस गए ! वही यह साल में एक बार फगलीtiltepecउत्सव मनाया जाता हैं ! जिसमें ये लोग मुग़ल सम्राट अकबर की पूजा करते हैं ! यहां आने वाले टूरिस्टों को गांव में रुकने पर मनाही हैं ! वो लोग गांव के बाहर टेंट में रह सकते हैं ! यहां की भाषा भी कुछ अलग हैं ! यहां की बोली में आपको संस्कृत और तिब्बत की कई बोलियों का मिश्रण मिलेगा ! आस पास की किसी भी बोली भाषा से मेल नहीं खाती !
2. tiltepec
जहां इंसान से लेकर पशु -पक्षी तक सब हैं अंधे>भारत में एक गांव हैं tiitepecजहां जोपोटाक नाम की जनजाति रहती हैं ! इस जनजाति के सभी लोग अंधे हैं ! इतना ही नहीं यहां पर जानवर से लेकर पशु – पक्षी तक सबकी आँखों की रोशनी ख़त्म हो चुकी हैं ! दरअसल यहां पैदा होते वक्त तो सबके बच्चें सही सलामत और स्वस्थ होते हैं ! मगर कुछ दिन बाद ही वो दृष्टिहीन हो जाते हैं ! यहां के निवासी अपने इस अंधेपन के पीछे की वजह एक श्रापित पेड़ को मानते हैं ! उनके मुताबिक लव जुएजा नाम के इस पेड़ को देखने के बाद इंसान से लेकर जानवर तक सब अंधे हो जाते हैं ! हालांकि वैज्ञानिको ने इस कारण को नकारते हुए बताया की यहां के अंधेपन की पीछे की वजह एक ख़ास किस्म की काली मक्खी हैं ! जो काफी जहरीली होती हैं और इसके काटने पर इसका जहर शरीर में फ़ैल जाता हैं ! जिसका सबसे पहला असर आंखों के हिस्सों परपड़ता हैं ! जिससे जानवर हो या इंसान वो जल्द ही अंधे हो जाते हैं ! इस गांव की एक और ख़ास बात हैं की यहां किसी भी घर में खिलड़कियाँ नहीं हैं ! इस गांव में तकरीबन 70 झोपड़ियां हैं ! जिसमें करीब 300 लोग रहते हैं लेकिन किसी भी घर में कोई खिड़की नहीं हैं ! इसके पीछे की वजह इनकी अंधापन हैं ! आँखों की रोशनी चले जाने के बाद इन्हे सूरज की रोशनी से कोई फर्क नहीं पड़ता हैं जिस कारण यहां की किसी झोपड़ी में कोई खिड़की नहीं हैं !
3. मत्तूर
इस गांव में हिन्दू – मुस्लिम सब बोलते हैं संस्कृत>कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से करीब 300 km दूर बसा हैं मत्तूर गांव ! इस गांव की खासियत ये हैं की यहां के निवासी आम बोल चाल की भाषा में कर्नाड नहीं संस्कृत का इस्तेमाल करते हैं ! यहां बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक और हिन्दुओं से लेकर मुस्लिमों तक सभी आपस में संस्कृत भाषा में ही बात करते हैं ! 10 साल की उम्र से ही बच्चो को वेदों का ज्ञान दे दिया जाता हैं ! यहां के गाँव वाले बताते हैं की करीब 600 साल पहले केरल के संकेथी ब्राह्मण समुदाय के लोग यहां आकर बस गए थे तब से यहां संस्कृत ही बोली जाने लगी ! हालांकि बाद में यहां के लोग कर्नाड भाषा बोलने लगे थे लेकिन 35- 40 साल पहले पेशावर मठ के स्वामी ने इसे संस्कृत भाषा गांव बनाने का आवाहन किया ! जिसके बाद मात्र 10 दिनों तक रोज 2 घंटे के अभ्यास से पूरा गांव संस्कृत में बात करने लगा ! मत्तूर गांव में 500 से भी ज्यादा परिवार रहते हैं ! जिनकी संख्या तकरीबन 35 सौ के आस पास हैं ! वही मध्यप्रदेश में भी एक गांव हैं जहां पर कोई केवल संस्कृत में बात करता हैं ! वो गाँव हैं राजगढ़ जिले का अंजनी गांव एक हजार के आबादी वाले इस गांव में 70 लोग संकस्कृत में बात करते हैं ! जिन्हे लोगों के मुताबिक उनके गांव का नाम कर्नाटक के मत्तूर गांव से पहले आना चाहिए क्योंकि मत्तूर में 80 फीसदीआबादी ब्राह्मणों की हैं ! जिन्हे संस्कृत विरासत में मिली हैं ! वही जिले में केवल एक ब्राह्मण परिवार हैं और बाकी क्षेत्रीय अनुसूचित जातिके लोग हैं ! जो आपस में संस्कृत में बात करते हैं !
4. कुलधरा
रहस्यों में लिपटा एक वीरान गांव>राजस्थान अपने आप में कई तरह के रहस्यों को समेटे हुए हैं ! इसी में से एकहैं कुलधरा गांव करीब 170 साल पहले इस गांव के सभी निवासी रातों रात इस गांव को छोड़ कर चले गए ! इस गांव के वीरान होने के पीछे दो कहानियां प्रचलित हैं ! पहली की यहां की शासत सलीम सिंह की बुरी नजर गांव की एक खूबसूरत लड़की पर पड़ गयी वो जबरदस्ती उस लड़की पर शादी करने का दावा बनाने लगा हालांकि गांव के लोगों में अपनीसम्मान और गौरव के खिलाफ इस तरह की शादी मंजूर नहीं थी ! ऐसे में गांव के मुखिया ने फैसला किया की वो रातों रात इस गांव को छोड़कर चले जाएंगे जाते वक्त उन्होंने इस गांव को श्राप दिया की इस जगह पर कभी भी कोई बस नहीं पायेगा ! वही दुसरी कहानी के मुताबिक यहां का शासक सलीम सिंह ब्राह्मणों पर बहुत अत्याचार करता था ! उसके अत्याचारों से तंग होकर ब्राह्मणों ने गांव छोड़ने का फैसला किया लेकिन जाते वक्त पूरे गांव को श्राप दे दिया की इस जगह पर कोई भी बस नहीं पायेगा ! खैर कहानी जो भी सच्ची हो लेकिन ये तो सच हैं की इस जगह पर आज तक कोई और नहीं बस पाया !
5. कोडिन्ही
ये हैं जुड़वां लोगों का गांव>आमतौर पर किसी के भी परिवार में एक या बहुत हुआ दो जुड़वां बच्चे हो गए खैर किसी किसी परिवार में तो एक भी नहीं होता लेकिन केरल का एक ऐसा गांव हैं जहां हर परिवार में दो से तीन जुड़वां बच्चे हैं यकीन नहीं होता लेकिन ये सच हैं ! अगर वैश्विक स्तर पर देखे तो हर 1000 बच्चे पर 4 जुड़वां पैदा होते हैं ! एशिया में तो ये दर 4 से भी कम हैं लेकिन केरल के कोडिन्ही गांव में हर एक हजार बच्चे पर 45 बच्चे जुड़वां पैदा होते हैं ! इस मुस्लिम बहुल्य क्षेत्र की कुल आबादी 2000 हैं ! इस गांव में घर स्कूल बाजार हर जगह हमशक्ल नजर आते हैं ! ऐसा बताया जाता हैं की इस गांव में जुड़वां जोड़े में 65 साल के अब्दुल हामिद और उनकी जुड़वां बहन कुनहिदाहिय हैं ! ऐसा माना जाता हैं की इस गांव में तभी से जुड़वां बच्चे पैदा होना शुरू हो गए थे ! शुरू में तो सालो कोई इक्का दुक्का जुड़वां बच्चा पैदा होते थे लेकिन बाद में इसमें तेजी और अब तक तो बहुत ही तेज रफ़्तारबच्चा पैदा हो रहे हैं ! धन्यवाद