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मुख्तार अंसारी के क्राइम चैप्टर की आरंभ से अंत तक की पूरी कहानी

वो खुद गुनाह की दुनियां का बादशाह था ! गुलाम भी उसी का बेगम भी उसी की हर इक्का उसके इशारों का मोहताज था ! जिसके इशारे के बगैरपूर्वांचल में shreenayaasकी एक ईट भी नीव में नहीं रखी जाती थी ! जिसके इशारे के बगैर कोई भी ठेका पटता नहीं बटता था ! आज उसी बाहुबली की कहानी हम बताएंगे!

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मुख्तार अंसारी के क्राइम चैप्टर की आरंभ से अंत तक की पूरी कहानी

साल 2017 योगी आदित्यनाथ सत्ता में आये तो गुंडे हिस्ट्री सीटर सबको सख्त सन्देश भेजा था अपराधी या तो अपराध छोड़ दे या तो उत्तर प्रदेश ! उसके ठीक साढ़े तीन साल बाद उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के सबसे बड़े हिस्ट्री सीटर से उसकेगुनाह का एक एक हिसाब चुकता किया जा रहा हैं ! आज हम आपको उस मुख्तार अंसारी की कहानी सुनाने जा रहे हैं !जब मुख्तार अंसारी का गुंडा राज पूर्वांचल में खून बनकर बरसता था गोली ,बन्दूक , पिस्टल ,से खेलने का उसको जबरदस्त शौख चढ़ा था अपनी घात जमाने के लिए डर और आंतक फैलाने का शौक़ीन था मुख्तार अंसारी वो जब चलता था तो साथ में चलतेबुर्को के ज्ञान पिस्टल और बंदूके लहराते हुए बड़े बड़े काफिलों के साथ उसके आने की खबर हवाओं को पहले लग जाती थी ! तो उनके रास्ते खुद बा खुद खुल जाते थे ! जैसे उसका अस्तक बाल हो रहा हो ! उसके काफिले को रोकने के लिए जुर्रत किसी में भी नहीं होती थी ! मुख्तार ज्ञान का आतंक कुछ इस कदर था की गुंडाटैक्स , वसूली ,हफ्ता , देने से मना करने वाले को मौत की सजा दी जाती थी ! शराब के ठेकों से लेकर सरकारी ठेके तक सिर्फ उसी की हुकूमत का इक्का चलता था ! उसके दौर मेंप्रदेश मेंहत्या ,लूट , अपहरण , फिरौती जैसे संगीन अपराध क्रिमिनल्स की इकनॉमी मजबूत करने लगे ! बनारस से बलिया तक गाजीपुर से जौनपुर तक माउ से कानपुर तक मुख्तार अंसारी के खौफ काडंका बज रहा था ! 70 के दशक ने सरकारी ठेके पर एक क्षत्र राज्य होता था साहेब सिंह गैंग का ! सरकारी मुलाजिम सीधे उसके चरणों में गिरकर ठेकेदारी उसके नाम कर देते थे ! उस वक्त ठेकेदारी में से नमारी के लिए कई गैंग ने एक्टिंग की ! साहेब सिंह गैंग से अक्सर मुख्तार गैंग का पन्गा होता रहता था ! 80 का दशक आते आते खूनी खेल चरमपर पहुंच गया ! साहेब सिंह वृजेश गैंग से अलग हो गया और ऐसा गैंग तैयार किया जिसका सीधा मुकाबला मुख्तार गैंग से था ! 1990 का दशक आते आते सिर्फ दो गैंग बचे मुख्तार गैंग और वृजेश सिंह गैंग ! इस गैंग का रेलवे कोयला , खनन , शराब और दूसरे ठेकों में जबरदस्त बोलबाला हाबी हो गया ! पहली बार 1991 वेंमें मुख्तार अंसारी चंदौली पुलिस के गिरफ्त में आये लेकिन मुख्तार ने दो पुलिस वालों के सीने में गोलियां उतार कर उनकी सांसे छीन ली और भाग निकला ! 1995 आते आते मुख़्तार मोस्ट वांटेड बन चूका था ! उसे समझ में आ चूका था की अगर बाहुबली और मोस्ट वांटेड होकर भी पुलिस और क़ानून से बचना हैं ! उनसे आँख में चोली खेलनी हैं ! तो सियासत की शरण में जाना हैं ! राजनीति खून मानती हैं ! जिसके हाथ खून से सने होते हैं !वो सियासत की सबसे बड़ी जरूरत बन जाता हैं ! इसीलिये 1995 में उसे राजनीति में एंट्री मिल गयी !

मुख्तार अंसारी के क्राइम चैप्टर की आरंभ से अंत तक की पूरी कहानी

1996 में मुख्तार ने बहजन समाजपार्टी टिकट से चुनाव लड़ा और माउ से विधायक बन गया !1996 में मुख़्तार ने तत्कालीन एसीपी उदय शंकर पर जानलेवा हमला किया इसी साल उसने कोयला व्यापारी लुंगटा का अपहरणकर लिया !1997 तक देश में मुख्तार का खौफ के कहानियां सुनाई जाने लगी ! 2002 आते आते पूर्वांचल से वृजेश सिंह का खौफ एक तरीके से खत्म सा हो गया था और अकेला मुख्तार पूरे पूर्वांचल पर हुकूमत करने लगा था ! कुछ महीनों तक अंडर ग्राउंड रहने के बाद फिर से वृजेश सिंह की वापसी हुई ! तभी बी. जे .पी ने मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी को चुनाव मैदानों में शिकस्त देने के लिए बी. जे. पीके कृष्णा नंद राय को विद्यमान बनाया ! इसके बाद पूर्वांचल को मुख्तार अंसारी दंगों की आग में झोक दी ! मुख्तार का भाई अफजल अंसारी चुनाव हार गया कृष्णा नंद राय चुनाव जीत गया ! इसके बाद पूर्वांचल को मुख्तार अंसारी ने दंगों की आग में झोक दी ! मुख्तार को गिरफ्तार किया गया और 2005 की उसे जेल हो गयी लेकिन मुख्तार अपने भाई के हार का बदला लेने के लिए जल रहा था ! उसने अफजल अंसारी को हराने वाले कृष्णा नंद राय की सरे आम हत्या कर दी ! कृष्णा नंदराय के शरीर में एक या दो नहीं 400 गोलियां उतार दिए गयी थी ! यानि बहुत ही निर्मम तरीके से हत्या हुई ! इस काम में उसकी मदद करने वाले के मोस्ट मुन्ना बजरंगी और अतिकुर रहमान 2006 में कृष्णा नंद राय की पत्नी ने मुख्तार के खिलाफ दुबारा एफआईआर दर्ज कराया ! मुख़्तार अंसारी का खौफ इनता हावी था की कोई भी पुलिस वाला उसकी गिरेबां पर हाथ डालने से पहले सौ बार सोचता था ! उसका कट्टर दुश्मन वृजेश सिंह उसके खौफ से पूर्वांचल छोड़कर भाग गया ! जिसे 2008 में उड़ीसा से पकड़ा गया 2009 में मुख्तार अंसारी ने बनारस से मुरली मनोहर दोषी के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोका हार गया तो मायावती ने उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया !

मुख्तार अंसारी के क्राइम चैप्टर की आरंभ से अंत तक की पूरी कहानी

मुख्तार अंसारी के पिता का नाम था subhanullahअंसारी उसके बाबा का नाम था मुख्तार अहमद अंसारी ! उसकी फैमिली शुरू से ही पैसों से बहुत ही पावरफुल रही या यूँ कहे अमीर घरानों से मुख्तार की पैदायसी रिश्ते रहे ! मुख्तार अंसारी के बाबा किसी जमाने में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्षहुआ करते थे ! भाईअफजल का मिनिस्ट पार्टी की ओर से चार बार चुनाव जीत चुका हैं ! भारत के उपराष्ट्रीय पति रहे हामिद अंसारी रिश्ते में मुख्तार के चाचा लगते हैं लेकिन इस वक्त योगी राज में मुख्तार का सूरज ढल चूका हैं ! उसकी क्राइम फाइल खुल चुकी हैं और उसके गुनाहों का एक एक हिसाब लिया जा रहा हैं ! उसके पाप का घड़ा भर चूका हैं ! इस लिए उसकी लंका को चुन चुन कर योगी सरकार जमीं दोष करवा रही हैं और अगर यही हाल रहा तो योगी राज मुख्तार के सूरज को ढलने में बहुत ज्यादा दिन नहीं बचे ! धन्यवाद !

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