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बच्चा गर्भ में किन्नर कैसे बनता है आपके बच्चे के साथ भी ऐसा हो सकता हे देखिये इसका राज़

किन्नर ! लगभग सभी ने ये नाम तो सुना ही होगा अगर नहीं भी जानते तो आपको बता दे की किन्नर उन्हें कहते हैं जो न तो पूरी तरह से पुरुष होते हैं और न ही नारी इन्हे हम ट्रांसजेन्डर के नाम से भी जानते हैं इनके बारे में शुरू से एक मान्यता चलती आ रही है की ये अपने मुँह से जो भी कहते है वो सच साबित हो जाते हैं कहने का मतलव ये है की अगर ये किसी को दुआ दे देते हैं तो वो सच हो जाती है और वही अगर ये किसी को बद्दुआ दे देते हैं तो वो भी सच हो जाती है इसलिए ज्यादातर लोग इसी कोशिश में रहते हैं की सभी को उनकी दुआ मिले बदुआ नहीं यही कारण है की हर कोई उन्हें यानि किन्नरों को अपनी हर ख़ुशी में शामिल करना पसंद करता है लोग इन्हे अपने घर की उत्सव यानि कोई शादी हो या किसी के घर बच्चा पैदा हो तो उन्हें अपनी ख़ुशी में शामिल जरूर करते है और जब ये बधाई मांगते है

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बच्चा गर्भ में किन्नर कैसे बनता है आपके बच्चे के साथ भी ऐसा हो सकता हे देखिये इसका राज़

तो इन्हे पैसे और कई तरह के उपहार आदि देकर ख़ुशी -ख़ुशी विदा करते हैं लेकिन अफ़सोस की बात है की इन्हे आम इंसानो की तरह सामान दर्जा नहीं दिया जाता इन्हेंसमाज से अलग रखा जाता है इसके पीछे कुछ रूढ़िवादी लोगों का तर्क है की पिछले जन्म की गुनाहो की वजह से किन्नर का जन्म होता है या फिर गर्भो की स्थिति की वजह से ऐसा होता है लेकिन असली वजह क्या है इसे कोई नहीं जनता तो चलिए आज हम आपको इसकेवैज्ञानिक राज से रूबरू करवाते है उससे पहले आपसे एक छोटी सी विनती है अगर अपने अभी तक नॉलेज लाइव को सब्स्क्राइब नहीं किया है तो कृपया दो सेकेंड का काम है कर ले हम यहाँ पर आपको ऐसी ऐसी जानकारी देते रहते हैं।तो चलिए शुरू करते हैं हमारा समाज कुछ इस तरह से है की वो स्त्री और पुरुष के आलावा किसी और जेंडर को इंसान की लिस्ट में नहीं रखता इसकी पहचान कुछ ऐसी है की सभ्य समाज में इसे अच्छी नजरो से नहीं देखता लेकिन मानो या न मानो ये तीसरा जेंडर यानि किन्नर भी समाज का एक हिस्सा है आज के समय में किन्नरों को थर्ड जेंडर के नाम से जाना जाता है क्या आप जानते हैं गर्भ में पल रहा बचा कब और कैसे किन्नर का रूप ले लेता है

बच्चा गर्भ में किन्नर कैसे बनता है आपके बच्चे के साथ भी ऐसा हो सकता हे देखिये इसका राज़

दरअसल गर्भ में पल रहा बच्चा किन्नर बन जाता है प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने के दौरान बच्चे का लिंग निर्धारण होता है की वो लड़का होगा या लड़की लेकिन अगर कोई महिला इस दौरान कोई खराब खान पान हार्मोनल प्रॉब्लम या किसी भी दुर्घटना का शिकार होती है तो गर्भ में पल रहे शिशु में स्त्री या पुरुष के बजाय दोनों ही जेंडर के ऑर्गन और गुण आ जाते है इसी वजह से प्रेग्नेंसी के तीन महीने पहले ज्यादा सावधानी बरतने की हियायत दी जाती है !तीन महीने बाद गर्भ में पल रहे शिशु का धीरे धीरे विकास होने लगता है सबसे पहले हमे ये जानने की जरुरत है की गर्भ में लिंग निर्धारण कैसे होता है हमारी बॉडी में 46 क्रोमोज़ोम होते हैं जिनमे 40 पोटोसोम होते हैं जबकि दो सेक्स क्रोमोज़ोम होते हैं यही दो सेक्स क्रोमोज़ोम जेंडर डिसाइड करते हैं पुरषो में XY क्रोमोज़ोम होते हैं और महिलाओं में XX क्रोमोज़ोम इनदोनों के मिलान से गर्भ में शिशु विकसित होता है ऐसे में अगर दो सेक्स क्रोमोज़ोन यानि XY होते है तो लड़का होता है जबकि मानो कि XX होने पर लड़की पैदा होती है लेकिन जब XY और XX के आलावा कोई तीसरा पिअर बन जाता है यानि XXX ,YY ,OX जिसे हम क्रोमोज़ोम डिसऑर्डर भी कहते हैं इसकी वजह से बच्चा किन्नर पैदा होता है और बच्चे में स्त्री और पुरुष दोनों के गुण आ जाते हैं इस तरह प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीने में गर्भ में पल रहे बच्चे में क्रोमोज़ोम और उनकी बनावट में परिवर्तन होने लगता है

बच्चा गर्भ में किन्नर कैसे बनता है आपके बच्चे के साथ भी ऐसा हो सकता हे देखिये इसका राज़

जिसके वजह से किन्नर शिशु का जन्म होता है !अब आपके मन में एक सवाल पैदा हो गया होगा की क्रोमोज़ोम डिसऑर्डर कैसे होता है ? अब हम आपको ये बताते है अगर प्रेग्नेंट महिला किसी बीमारी से पीड़ित हो जाती है बीमारी कोई भी हो सकती है तो उसका प्रभाव भी शिशु पर पड़ता है या फिर शुरुआती तीन महीने में महिला कोतेज बुखार आ जाये और वो दवा का हैवी डोज़ ले लेती है तो उससे भी थर्ड जेंडर होने के चान्सीस बढ़ जाते है या फिर प्रग्नेंसी के दौरान खराब भोजन करने या किसी खास केमिकल से तैयार फ्रूट या वेजिटेबल का सेवन करने से भी इस तरह की सम्भावना बढ़ जाती है या प्रग्नेंसी की शुरुआती स्टेज में एक्सीडेंट या किसी बड़ी चोट लगने के कारण की वजह से भी शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इस तरह से बच्चे के ऑर्गन पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है ,इसलिए कहा जाता है की प्रेग्नेंसी के शुरुआती स्टेज पर खास ध्यान रखने की जरुरत होती है बुखार या किसी भी तरह की परेशानी होने पर खुद डॉक्टर बनने से बचना चाहिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और बाहर के खाने से परहेज करना चाहिए।तो अपने देखा एक किन्नर का जन्मकिस तरह होता है इसमें किन्नर का कोइ दोष नहीं होता तो ऐसे में हमें किन्नरों के साथ बुरा व्याव्हार नहीं करना चाहिए क्योंकिये भी हमारे समाज का एक हिस्सा है तो दोस्तों शायद अब आपको इस विषय की जानकारी हो गयी है तो आज के लिए बस इतना ही वीडियो अच्छा लगा हो तो प्लीज़ इसे लाइक करने के साथ चैनल को सब्सक्राइब जरूर करे तो दोस्तों मिलते है एक और नयी वीडियो के साथ तब तक के लिए आप अपना और अपने परिवार का ध्यान रखे धन्यवाद।

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