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पनडुब्बी में कैसी होती है सैनिको की ज़िन्दगी? ये माइलेज क्या देती हे

बात 2013

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की है INS सिन्धु रक्षक ! इस डीजल पावर वर्ल्ड क्लास पनडुब्बी में विस्फोट होता है ! कुरु के 18 लोग शहीद हो जाते है ! यह हादसा बहुत दर्दनाक था ! और जो नेवी के जवानों के साथ घटा होगा उसकी तो परिकल्पना मात्र आत्मा को झकझोर देने के लिए काफी है ! इस विस्फोट के बाद सभी का ध्यान समुद्र की गहराईयों में छिपकर शत्रुयों की गतिविधियों पर नजर रखने बाली पनडुब्बियों और उनमे रहने बाले नौसेनिकों के जीवन की ओर गया था !

पनडुब्बी में कैसी होती है सैनिको की ज़िन्दगी? ये माइलेज क्या देती हे

आज का हमारा यह विडियो पनडुब्बी में रहने बाले सेनिकों की जिन्दगी पर उनकी लाइफ केसी होती है और किन किन समस्याओं का सामना करना होता है उन्हें ? चलिए आइये आगे बढ़ते है और जानते है इसके बारे में विस्तार से ! नौसेनिकों का जीवन इतना आसान नही होता इनके परिवार बाले बताते है की इनकी जिन्दगी बहुत कठिन होती है !

जब बो किसी मिशन पर जाते है तो यह मिशन 20या 30दिन के होते है ! और कभी कभी तो 45 दिन तक वो लगातार काम करते है ! परिवार बालों को बस इतना पता होता है की वो ड्यूटी पर है इससे ज्यादा और कोई जानकारी नही होती ! परिवार बालों को तो यह भी नही पता होता है की वह कितने दिन के लिए कहाँ जा रहे है ! और कब बापस आएँगे ?

उनके अभियान की जानकारी सिर्फ नौसेना के मुख्यालय को होती है ! नौसेनिक अपने परिवार से दूर पानी के बीच रहते है ! जब वो पनडुब्बी के भीतर होते है नहाना तो दूर दाढ़ी बनाने का मोका भी नही मिलता ! पनडुब्बियों में पानी की बेहद कमी रहती है ! नौसेनिक अगर 30 दिन के लिए पनडुब्बी में है तो उन्हें मुश्किल से 3 बार नहाने का मोका मिलता है !

पनडुब्बी में कैसी होती है सैनिको की ज़िन्दगी? ये माइलेज क्या देती हे

और वो भी सब की सहमती के बाद ! क्योंकि हर नौसेनिक को प्रतिदिन 3-4 मग पानी मिलता है ! ब्लेड जैसी चीज इस्तेमाल करना सख्त मना है ! इसलिए जितने भी दिन बो पानी के अंदर है उन्हें विना दाढ़ी बनाए ही रहना पड़ता है ! उन्हें पहनने के लिए ऐसे कपड़े दिए जाते है जिन्हें वो लगातार 3-4 दिनों तक पहनते है और फिर उसे फेंक दिया जाता है !

खाने के लिए बिना तडके की दाल और रोटी चावल और बेहद कम मसाले बाली सादी सब्जी दी जाती है ! पनडुब्बी में खाने का सामान बेहद सिमित होता है ! अगर ताज़ा खाना हो तो उनके पास पहले से टिन में पैक भोजन होता है ! जिसे कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है ! खाना बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है की ज्यादा धुआं उठे इसलिए खासतौर से सादा खाना बनाया जाता है !

दाल में छोंका इसलिए नही लगाया जाता क्योंकि अगर छोका लगा तो धुआं उठेगा और शारीरिक कष्ट ! पनडुब्बी जब समुन्द्र के अंदर जाती है तो उसके साथ डॉक्टर और प्राथमिक चिकित्सिक का समान साथ होता है ! क्योंकि अगर किसी को उलटी या चक्र जेसी परेशानी हो तो तुरंत इलाज किया जा सकता है ! पनडुब्बी में सोने के लिए दो कम्पाटमेंट होते है! वहां का तापमान गर्म होता है !

पनडुब्बी में कैसी होती है सैनिको की ज़िन्दगी? ये माइलेज क्या देती हे

इसलिए कभी कभी कुछ नौसेनिक वहां भी सोने जाते है जहाँ मिसाइल और टोर्पीडोर रखे होते है क्योंकि यह जगह पनडुब्बी की दूसरी जगह के मुकाबले सबसे ज्यादा ठंडी रखी जाती है ! पनडुब्बी के भीतर सूर्य की रौशनी नही आती ! इसके चलते जब बो समुन्द्र की सतह पर आती है तो बाहर आते बक्त नौसेनिकों को हाथ पैर में जकडन जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है !

गहरे समुद्र के भीतर लगातार चल रहे अभियान से उनके कानों पर काफी गहरा असर होता है ! इसलिए पनडुब्बी के भीतर नौसेनिक अपने कानों का खास ख्याल रखते है ! तो दोस्तों कुछ ऐसा होता है पनडुब्बी में काम करने बाले सेनिकों का जीवन ! पर हमारा सलाम ! इन बंद कंटेनरों के अंदर धडकते दिलों को , जो धडकते भी इसलिए है की देश सुरक्षित रहे ! हमारा ट्रिवियुट इंडियन नेवी और फौजियों को जो देश की सेवा करते है ! आप भी फैलाइये इनका शौर्य ! और शेयर कीजिये ये विडियो ! धन्यबाद ! जय हिन्द !

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