देखिये 2021 Biggest Surprise सुपर पावर्स को नीचा दिखाया भारत ने, India ranks 3rd in Renewable Energy

पूरी दुनिया में भारत पिछले 2 सालों में सातवीं रंग से तीसरी रैंक जा चुका है। 2019 में जहां फ्रांस ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश बने हुए बनर्जी के क्षेत्र में भारत से आगे थे, वही आज 2021 में भारत इन सभी देशों को पीछे करके ग्लोबल रैंकिंग में तीसरे नंबर पर आ चुका है। हम पहले आपको इस खबर के बारे में बताते हैं और इस खबर के बाद हम आपको बताएंगे कि मेक इन इंडिया और दूसरे देशों से मिले धोखे कि इसमें कितनी अहम भूमिका है। रिन्यूएबल एनर्जी ने कोई देश कितना इन्वेस्टमेंट और ग्राउंड लेवल पर ठीक से काम कर रहा है। उसकी रैंकिंग रिन्यूएबल एनर्जी कंट्री अट्रैक्टिव मैस इंडेक्स निकाली जाती है और कार्बन एमिशन को कम से कम करने के लिए भारत इन सभी देशों से कहीं ज्यादा अच्छा काम करके दिखाया है। तूने एनर्जी से भारत में बनने वाली बिजली में बीती तेजी देखी गई है कि अनुमान लगाया जा रहा है कि 2040 तक आते-आते भारत में कोयले की वजह से सोलर पैनल से ज्यादा बिजली उत्पन्न की जाएगी।
वैसे आपको बता दें कि इस इंडेक्स में भारत से ऊपर अभी यूनाइटेड स्टेट्स और चाइना है और वह इसलिए क्योंकि दोनों देश सोलर एनर्जी और उनकी स्वदेशी मन फेक्शन की अहमियत भारत से कई सालों पहले समझ चुके थे। देर से ही सही पर भारत सोलर पावर के क्षेत्र में घमासान मचने उतर चुका है और हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इतनी जल्दी इतनी विकसित देशों को पीछे करने के बाद सीधे तीसरी रैंकिंग पर आना सच में एक बहुत बड़ी बात है। सऊदी अरेबिया और इरान से मिला। धोखा भी एक कारण है कि भारत अपनी एनर्जी डिमांड के लिए अब किसी भी देश पर निर्भर नहीं रहना चाहता। पिछले कुछ दिनों में भर्ती ज्यादा पैसा निकलवाने के लिए सऊदी अरेबिया ने मनमाने ढंग से जो तेल की कीमतें बढ़ाई थी। उसे भारत को समझ लेना चाहिए कि ऐसे देशों पर भरोसा तो बिल्कुल भी नहीं किया जा सकता। इसके बाद ईरान ने जो भारत कितना बड़ा नुकसान किया। उसके बारे में भी आप में से ज्यादातर लोग जानते ही होंगे। जिन को नहीं पता।
उनको बता दें कि भारत की ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने करोड़ों रुपए खर्च करके ईरान में बहुत बड़ी गैस की खोज निकाली थी, जिसका इरान तक को पता नहीं था। पर ईरान ने इत्यादि को डिवेलप करने का कॉन्ट्रैक्ट ओएनजीसी को ना देखें कि रानी ने कंपनी को दे दिया। सऊदी अरब और ईरान दोनों ही भारत के अच्छे दो समझे जा ऐसे देशों के लिए भारत की दोस्ती से ज्यादा शायद पैसे इंपॉर्टेंट है। इन दोनों देशों से इंपोर्ट एयरटेल का इस्तेमाल गाड़ियों में या फिर मोबाइल टावर को पावर देने के लिए किया जाता है। इलेक्ट्रिक मीटर की चार्जिंग स्टेशंस ऑफ सोलर एनर्जी से बिजली सप्लाई करते और मोबाइल टोकस की बैटरी को भी सोलर पावर से चार्ज करके बहुत बड़ी निर्भरता ऐसे देशों पर से खत्म की जा सकती है। पर आने वाले कुछ सालों में आपकी होता वह भी देखेंगे। जब भारत खनिज तेल के इंपोर्ट को 40 से 50% तक घटा दी। तेरे अपनी चूरन पड़ोसी की तो भारत की इस मुहिम में देश ने भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
भारत की मैन्युफैक्चर इन को बर्बाद करने में जब भारत में सोलर पावर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ठानी तो चाइनीस कंपनी ने सोलर के दाम बढ़ा दिए जिससे सोलर पैनल तक को भारत में शामिल करना महंगा पड़ा। भारत ने सोलर सेल्स को मैन्युफैक्चर करना शुरू कर दिया तो भारतीय लक्ष्य को नुकसान पहुंचाने के लिए सुरक्षित की। डंपिंग शुरू कर दी गई। पर भारत ने भी घरेलू मैन्युफैक्चर को बचाने के लिए पीला चीन की घोषणा कर दी। इसे भारतीय मैन्युफैक्चर्ड को भारतीय मार्केट में बढ़त मिल सके। वैसे आपको बता दें कि अगले साल यानी। अप्रैल 2022 से भारत में इनपुट होने वाले सोलर सेल से 25% इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी जाएगी। फिलहाल 16 पेपर के लिए भारत अभी भी इंपोर्ट पर निर्भर है। पर कॉल इंडिया इसके लिए भी चैनल जैसे देशों से टक्कर लेने उतर चुकी है। वीडियो में आगे बढ़ने से पहले आप इस चैनल को मेड इन इंडिया से जुड़ी हुई सभी खबरों के लिए सब्सक्राइब कर सकते हैं।
भारत सोलर पावर जनरेशन में इतना बड़ा बन सकता है कि ईरान और मेडल इस देशों के दिए हुए धोखे का बदला इन देशों से हो रहे हैं। मोड को बंद करो थे तो केवल भारी नमस में चार्जिंग स्टेशन को भारत में चैटिंग करने की और जिस दिन ऐसा हो गया उस दिन पैसा बचाने के भारतीय की आदत से सऊदी अरब जैसे देशों को भारी नुकसान पहुंचेगा। इरान का भी क्या हाल है इसके बारे में हमको आपको बताने की जरूरत नहीं है। बीते दिनों फ्लोटिंग, सोलर, पावर, प्लांट जैसे बहुत से प्रोजेक्ट या तो पूरे किए गए हैं या फिर इन को मंजूरी दी गई है और यह बात का प्रमाण है कि भारत सोलर पावर के क्षेत्र में फ़िलहाल बिल्कुल भी रुकने के मूड में नहीं है। बता में उम्मीद करते हैं कि कोल इंडिया के उठाए गए कदम की वजह से तो लवेबल जैसे ग्राम मेडिकल का इंपोर्ट।