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दुनिया को धोखा देकर चीन ने कर दिया बडा खेल, 2024 को लेकर दुनिया की बढी चिंता भारत अमेरिका भी तैयार ।

सही मायने में भारत के राफेल लड़ाकू जहाजों की छमता क्या है? इसका अंदाजा चीन और पाकिस्तान को मिल गया है। राफेल लड़ाकू जहाजों ने जो कारनामा किया है उसे देखने के बाद यकीनन चीन और पाकिस्तान को नींद नहीं आएगी क्योंकि राफेल लड़ाकू जहाजों ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

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दुनिया को धोखा देकर चीन ने कर दिया बडा खेल, 2024 को लेकर दुनिया की बढी चिंता भारत अमेरिका भी तैयार ।

 

फ्रांस के राखी लड़ाकू जहाजों ने वह कारनामा किया है जो दुनिया का कोई भी लड़ाकू जहाज नहीं कर पाया, लेकिन फ्रांस के राफेल लड़ाकू जहाजों के इस कारनामे से यह साबित हो गया है कि क्षमता के मामले में राफेल को कोई भी टक्कर नहीं दे सकता और जो हैरतअंगेज कारनामा राफेल लड़ाकू जहाजों ने किया है।

अगर वही कारनामा चीन के किसी भी लड़ाकू जहाजों ने करने की कोशिश भी की तो चीन के लड़ाकू जहाज हवा में ही फट जाएंगे। दर्शन फ्रांस के लड़ाकू जहाजों ने बिना रुके लगातार 17000 किलोमीटर की उड़ान भरी है। इस दौरान हवा में 7 बार रिफ्यूलिंग की गई और इस दौरान राफेल लड़ाकू जहाज पूरे 12 घंटे तक हवा में ही रहा।

 

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हालांकि राफेल लड़ाकू जहाजों के ऐसे कारनामे से यह साबित हो गया है कि राफेल का इंजन काफी भरोसेमंद है और अपनी क्षमता के वजह से राफेल एक उड़ान में चार मिशन को अंजाम दे सकता है। हालांकि राफेल लड़ाकू जहाजों से पहले 2001 में अमेरिका के यह 15 लड़ाकू जहाजों ने बिना रुके 15000 किलोमीटर की उड़ान भरी थी।

लेकिन अब बिना रुके सबसे ज्यादा लंबी दूरी तक उड़ान भरने का रिकॉर्ड राफेल के नाम हो गया है। .हालांकि फ्रांस ने अपने राफेल की क्षमताओं का ऐसा प्रदर्शन करके दुनिया भर के देशों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है। वहीं जब से भारत ने राफेल लड़ाकू जहाजों के सबसे एडवांस वर्जन को खरीदा है। तबसे राफेल लड़ाकू जहाजों के व्यापार में 300% का इजाफा हुआ है। हालांकि राफेल की ऐसी क्षमताओं को देखने के बाद चीन को यह समझ में आ गया।

 

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आज में आ गया होगा कि चीन के लड़ाकू जहाज राफेल के सामने किसी खिलौने से ज्यादा कुछ नहीं और चीन अपने लड़ाकू जहाजों का सिमुलेशन करके या फिर नकली युद्ध अभ्यास में ही राफेल लड़ाकू जहाजों को टक्कर देने के सपने देख सकता है। वैसे चीन के जानकारों ने पहले ही एक के मुकाबले तीन की रणनीति बनाने की सलाह दी है। यानी कि भारत की एक राफेल लड़ाकू जहाजों के पीछे चीन की वायुसेना को अपनी तीन लड़ाकू जहाजों को तैनात करने की रणनीति बनाने की सलाह दी जा रही है।

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