टाटा ने किया बड़ा एलान 5G रेस में उतरी टाटा, जानिये कितनी भारतीय कम्पनिया 5G की रेस में

भारत की 5 g रेस से बाहर होने के बाद वह भी अब प्रति सोर्स पोर्टल का एक्सेस मांगने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है और इसके लिएहुवावी ने भारत में नोडल ऑफिसर भी असाइन किया है। बड़ी चाइनीस एल्को मार्केट लीडर भूल गई है कि पहला वाला भारत नहीं है या मैन्युफैक्चरिंग ना होने की वजह से बाहर की चुनिंदा कंपनीज मनमानी कर सके।
भारतीय मार्केट में हुआवी और जेट्टी की मोनोपोली को खत्म करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र से बहुत बड़ी खबर निकल कर आ रही है और चाइनीस टेक्नोलॉजी को टक्कर देने के लिए भारत की रिलायंस ने हाथ मिला है। यूएसबी फुल फॉर्म के साथ पार्टनरशिप के चलते 5G नेटवर्क के बहुत ही क्रिटिकल कंपनी और सब फैमिली की मैन्युफैक्चरिंग भारत में की जाएगी।
क्वालकॉम में पिछले साल रिलायंस जिओ में 97 मिलियन डॉलर पेमेंट किया था और क्वालकॉम के पास 5 g का इस्तेमाल करके 1gbps तक की स्पीड कम माई स्थान हासिल किया गया था क्योंकि रिलायंस एयरटेल अभी दोनों ही फर्जी नेटवर्क की टाइपिंग पेज में है और इसके खत्म होने के बाद बहुत से नेटवर्क इस को इंस्टॉल करने की जरूरत पड़ेगी।
इतने लोकलाइज मैन फैशन ही एकमात्र उपाय है। कॉस्ट कम रखने के लिए आपको बता दें कि रिलायंस जिओ खुद कभी पणजी तक डबल कर चुकी है जिसमें पाजी रेडियो और कोर नेटवर्क सलूशन शामिल है और भाटी कंपनी के मुताबिक भारत में डेवलप तभी पैसा अगले साल से उन देशों को भी सपोर्ट किया जा सकेगा। जहां पर सभी नीचे पेज में है।
न केवल रिलायंस बाकी टाटा और एयरटेल टीवी जिओ की मेड इन इंडिया 5G टेक्नोलॉजी को टक्कर देने के लिए हाथ मिला लिया है और टाटा 5G नेटवर्क के लिए कोर्ट सलूशन भारत में हॉलीडे डेवलप कर चुकी है। टाटा द्वारा डिवेलप कूपन रन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल एयरटेल फ्री नेट में करेगा।
पर्यटन के मुताबिक उनके पास जी नेटवर्क में ज्यादातर इंडीजीनस कंप्लेंट तो सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। आपको बता दें कि अभी तक भारत के टेलीकॉम नेटवर्क की कोर सॉल्यूशंस में चाइनीस टेक्नोलॉजी का एक बड़े लेवल मतदाता सिक्योरिटी के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए को नेटवर्क में लगने वाले सभी चयनित के फैंस को मीटिंग यज्ञ से बदला जाएगा।
टाटा और रिलायंस द्वारा डेवलपर जी नेटवर्क की को टेक्नोलॉजी अगले साल यानी 2022 से ना केवल कमर्शल यूज लिए अवेलेबल होगी बल्कि इन बेड इन डिफेंस एक्सपो भी अगले साल से किया जाने लगेगा। नेटवर्क भारत में मैन्युफैक्चर करने के लिए अभी तक 29 कंपनी से अपने नाम दर्ज कराएं और आने वाले सालों में आप सब भारत में ही नेटवर्क में इंफेक्शन होता देख पाएंगे। लड़की बिना मर जाएगा।