चीन की उम्मीद से कहीं ज्यादा आगे निकला भारत, अपनी रिपोर्ट में भारत की ताकत से परेशान चीन । भारत का अगला कदम क्या होगा जानिए

भारत में सत्ता परिवर्तन होते ही भारत की विदेश नीति चीन और पाकिस्तान के प्रति एकदम से बदल गई है। पहले चीन के दम पर उछलने वाले पाकिस्तान की हालत तो ऐसी हो गई है कि आज कोई भी वैश्विक मंच पाकिस्तान की बातों को सुनना भी नहीं चाहते और पाकिस्तान की बातों को सुनना तो दूर की बात रही। खुद पाकिस्तान के मालिक चीन की हालत भी पाकिस्तान के जैसी होती जा रही है।
कभी हिंद महासागर में अपना दम दिखाने वाला भारत आज दक्षिणी चीन सागर से लेकर भूमध्य सागर तक अपना दम दिखा रहा है और चीन के विरुद्ध अपनी रणनीति मजबूत बना रहा है। दरअसल भारत की क्षमता को लेकर ऐसी बातें भारतीय मीडिया ने नहीं कही है बल्कि खुद चीनी थिंकटैंक भारत की क्षमताओं से घबराने लगे हैं।
दरअसल चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज ने अपनी रिपोर्ट में चीन की सरकार को आगाह ज्यादा आक्रामक हो गया है जिसका नतीजा है कि भारत चीन के संप्रभुता को चुनौती देने लगा है और लगातार दक्षिणी चीन सागर में अपनी स्थिति मजबूत बना रहा है।
उनका कहना है कि आज भारत ताइवान के मुद्दे पर भी पुरानी सरकारों से अलग नहीं रणनीति बना रहा है जैसा कि ताइवान को लेकर चीन हमेशा युद्ध की धमकी देता है और चीनी चिंतन का भी कहना है कि ताइवान एक ऐसा मुद्दा है जिसके लिए चीन किसी भी हाल में युद्ध करने से पीछे नहीं हटे गा, लेकिन चीनी चिंतन का मानना है कि जैसे-जैसे समय बीतेगा, वैसे वैसे ताइवान की ताकत बढ़ेगी और ताइवान के प्रति दुनिया में समर्थन मजबूत होगा।
ऐसे में चीन के लिए ताइवान पर अपना अधिकार जमाना मुश्किल हो सकता है। चीनी चिंतन का मानना है कि अमेरिका और ताइवान के मजबूत होते रक्षा संबंधों को रोकना चीन के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन चुका है। लेकिन अब भारत और जापान जैसे देश भी ताइवान को लेकर नई रणनीति बनाने इस वजह से चीन को अत्यधिक सावधान होने की आवश्यकता है।
वैसे देखा जाए तो यह पहला मौका नहीं है कि जब किसी चीनी थीम थेंकनी मजबूत होते भारत को लेकर चीन को आगाह किया हो क्योंकि कुछ दिन पहले ही चीन के जानकार शी जिनपिंग को भारत के साथ संबंधों को सुधारने की सलाह दे चुके हैं। लेकिन फिर भी चीन अपने अहंकार के सामने सुधरने को तैयार नहीं है।