क्या हुआ जब अजीब डोभाल को पाकिस्तान में जासूसी के दौरान पहचान लिया गया
सन् 1945 देश आजादी की उम्मीद से गुजरने की ओर था क्रान्तिकारी वातावरण था ऐसे मे एक गढ़वाली परिवार मे जन्म हुआ बेहद ही साधारण से दिखाई देने वाले बच्चे का भूत के पाव पालने मे ही नजर आने लगे पिता आर्मी ब्रिगेडियर थे तो देश भक्ति के संस्कार खुन से ही मिले कुशाग्र बुद्धि ओर बहुत कुछ करने की चाह मे 1965 मे आई पी एस कर के ही माने।
केरल बैच के आईपीएस अफसर बने ओर छह साल मे वह मैडल हासिल करने दिया गया जो सत्रह साल की ड्यूटी करने पर हासिल होता है भीतर तो देश को बहुत कुछ करने की लहर थी पाकिस्तान के जासूस के तोर पर तैनात हो गये छह साल वह जासूसी करते रहे 1987 के खाली स्थान के आतंकवादी के वक्त बनकर एजेंट बनकर रहे दरबार साहिब के अन्दर दाखिल हुए तीन दिन तक लगातार आतंकवादी के साथ मिलकर रहे ओर उनकी सारी जानकारी ली और operation Black Thunder ऑपरेशन को अंजाम दिया ।
1988 मे कीर्ति चक्र मिला यह लेने वाले वह देश के एक मात्र Noon Army व्यक्ति थे असम जा कर उन्होंने उल्फा आतंकवाद को कुचल दिया।मोदी की शुरुआत से ही इस पर नजर थी जैसे ही उन्होंने देश की बागडोर संभाली सुरक्षा सर्कार बनाकर बहुत बेहद जिम्मेदार सोप दी Balochistan मे फिर से लागू ओर इस मुद्दे अन्तरराष्ट्रीय बनाने के लिए इस चाणक्य का ही दिमाग था
केरल की 45 इसाई नर्स को एसएसआई ने जब किडनैप किया गया था तो यह स्वयं उन को जाकर बिना किसी नुकसान के देश लेकर आए मई 2015 के म्यांमार के सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त एक एक इन्सान जान गया कि उनकी कीमत क्या है ।जब म्यांमार मे 50 कि.मीटर अन्दर घुस कर 50 आतंकवादी को मारने का कारनामा उनकी ही कप्तानी मे हुआ था नागालैंड के आतंकवादी से ऐतिहासिक ढील करवाने वाले ओर हथियारो का स्मरण करने वाले वही थे ।
उन की किमत ओर ना टिकने वाली सोच ने भारत की डिफरेंट पॉलिसी को महत्वपूर्ण बनाया इस का नतीजा था कि जब पाकिस्तान शिप भारत सीमा पर दाखिल हुआ था बिना किसी चेतावनी के उसको उडा दिया गया। फिर इतिहास का वह सबसे बड़ा दिन दिसम्बर 2016 मे पाकिस्तान की जमीन पर पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक हुई तीन किलोमीटर अन्दर जाकर 40 आतंकवादी को ओर 9 फौजी को मरा।
फिर इतिहास का वह सबसे बड़ा दिन दिसम्बर 2016 मे पाकिस्तान की जमीन पर पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक हुई तीन किलोमीटर अन्दर जाकर 40 आतंकवादी को ओर 9 फौजी को मरा।आपने किसी सैनिक को आंच तक नही आने दी उनकी बहुत भूमिका रही है हिन्दू संगठन Vivekananda youth forum कम की स्थापना करने वाले भी वही है । इतिहास मे कहानी है उनकी जो कहते थे कि दिल्ली जीत सकता है ।ओर वर्तमान मे हौसला है उन का जो इस्लामाबाद जीत सकता है कोई ओर नही वह है मोदी जी के चाणक्य अजीत डोभाल ।