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ऐसे देसी जुगाड़ को देखकर वैज्ञानिकों का भी दिमाग घूम जाएगा

रोजमर्रा की जरूरतों और दिक्कतों से जूझता हिन्दुस्तान भले ही अमेरिकन नही बन पाया लेकिन हमारे जुगाड़ टेक्नोलॉजी के सामने सिलिकोन वैली के इंजिनियरस का दिमाग आज घूम जाएगा ! दुनियां में अगर जुगाड़ के मामले में अगर कोई प्रतियोगिता होती है तो ज़ाहिर तौर पर सारे इनाम हिन्दुस्तान के नाम होंगे ! समय के साथ साथ इन्डियन जुगाड़ प्रणाली विश्वभर में फ़ैल गई है ! आज की इस विडियो में हम आपको कुछ ऐसे ही जुगाड़ दिखाएँगे जिन्हें देखकर आपका दिमाग घूम जाएगा !

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CHIKEN FEATHER REMOVER

ऐसे देसी जुगाड़ को देखकर वैज्ञानिकों का भी दिमाग घूम जाएगा

इस  में  आपको एक मशीन जैसा कोई जुगाड़ दिख रहा होगा इसका काम है चिकेन बतख या गुस जैसे पक्षियों के पंख को चंद सेकंड में पक्षी के शरीर से अलग करना ! बस इसमें आपको चिकेन बगेरह मार के डालना है फिर मशीन के निचे लगा मोटर चालू कर देना है ! जिसे इसमें डाला पक्षी सरफेस के घुमने से वो भी घूमने लगेगा और उपर और निचे लगे रबड़ फिंगर से लगातार टक्कर कराने से पंख शरीर से कुछ ही सेकंड्स में अलग हो जाएंगे ! इसमें उपर से पानी भी स्प्रे करना होता है और जिसे शरीर और रबड़ फिंगर में चिपके पंख निचे से पानी के साथ बाहर निकल जाए ! यह चिकेन बेचने बाले दुकानों के लिए काफी काम का जुगाड़ है जहाँ बार बार चिकेन को साफ़ करना पड़ता है यह दो से तीन चिकेन एक बार में ही कुछ ही सेकंड में साफ़ कर देता है ! यह आईडिया इतना हिट हुआ है की अब देश विदेश में इस मशीन का प्रोडक्शन शुरू हो गया है आप भारत में भी यह मशीन कई जगह से खरीद सकते है !

अब मलिये 14 साल के छिंदवाडा जिल्ले के पंधुरना में रहने बाले दर्शन से

ऐसे देसी जुगाड़ को देखकर वैज्ञानिकों का भी दिमाग घूम जाएगा

दर्शन की माँ घर के काम और कपड़े धोने के कारण अक्सर बीमार पड़ जाती थी माँ की तकलीफ ने दर्शन को इतना दुखी किया की उसने देसी जुगाड़ को लगाकर माँ को आराम देने बाली शानदार डिवाइस बना डाली ! जी हाँ दर्शन ने जुगाड़ से कुल 1740 रूपए में देसी वाशिंग मशीन बना डाली ! इस मशीन को चलाने के लिए बिजली की भी जरूरत नही है बस साइकल में पेडल मारिये और कपड़े धुल जाएंगे ! इस मशीन के लिए इन्होने एक पुरानी साइकल एक ड्रम दो थाली एक लोहे की रोड और जाली खरीदी उसके बाद ड्रम के अंदर इन सभी चीजों को फिट कर दिया ! बाद में इस मशीन को रौड के जरिये साइकल से जोड़ दिया ! साइकल का पेडल चलाने से विना बिजली से मशीन अछे से कपड़ों की धुलाई करती है इसे बनाने में दर्शन को डेढ़ महीने का टाइम लगा ! ऐसे सपूत के लिए लाइक तो बनता है दोस्तों !

 

आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है इस सिधांत को भारत के किसान समय समय पर चरितार्थ करते आए है भारत में किसानो के हालात सबको पता है पक्षी और जानवर फसल को नुक्सान न पहुंचाए उसके लिए SCARECROW यानी बिजुका से बेहतर जुगाडू तकनीक आजकल हमारे किसान भाई उपयोग कर रहे है

ऐसे देसी जुगाड़ को देखकर वैज्ञानिकों का भी दिमाग घूम जाएगा

जिसमे पंखे के सहारे पथर और बर्तन बाँध दिए जाते है जब हवा में पंखा हिलता है तो बर्तन को चोट मारता है जिसे आवाज़ होती है अगर हवा न हो तो उसके लिए कई किसान सोलर पेनर का उपयोग कर रहे है !बाईक का उपयोग किसानों में बहुत किया जाता है घर के काम से लेकर खेती में भी बाइक खूब मदद करती है ! जैसे इन विडियो में देखिये किसान भाइयों ने चारा काटने की मशीन में मोटर इंजन लगाने से बेहतर जुगाड़ निकाला है ! जिसे चारा कम समय में जल्दी कट जाता है ! बस बाइक के टायर को चारा मशीन से चिपकाकर इसे ऑटोमेटिक बना दिया जाता है ! कुछ किसान तो बाइक की जगह साइकल का उपयोग बेहतर तरीके से करते है ! जिस बजह से थोडा बहुत पेट्रोल का खर्च भी बच जाता है और काम भी जल्दी हो जाता है ! इतना ही नही बाइक का उपयोग खरपतवार निकालने से लेकर जुताई तक किया जा रहा है खेत में डीज़ल इंजन पहुँचने का साधन ने होने पर बिजली किलत के चलते तो कई किसान भाई मोटर साइकल से टयूबवेल या नलकूप चलाकर सिंचाई करते है ! खेत पर लगा इंजन छोड़ने से कलपुर्जे चोरी होने का डर भी होता है लेकिन इस तरकीब से किसान बाइक का डबल फायदा उठा रहे है ! बस बाइक का पिछला टायर बोरिंग पर लगे पंखे की पूली में सटाकर बाइक सटार्ट कर देते है जिसे पानी बाहर आने लगता है ! कई किसान टायर की हवा कम करके पट्टा चढ़ाकर दोवारा हवा भर देते है उसे भी काम बन जाता है अगर बाइक ज्यादा पुरानी हो तो पेट्रोल के साथ केरोसिन मिक्स करके डाल देते है ! जिसे लागत भी कम हो जाती है !

असम में जन्मे मैकेनिकल इंजीनियर उद्धब भराली  ने 1987 में गरीबी के कारण अपने महाविद्यालय की पढाई को बीच में छोड़ दिया !

ऐसे देसी जुगाड़ को देखकर वैज्ञानिकों का भी दिमाग घूम जाएगा

उन्हें अपने परिवार के लोगों द्वारा निकम्मे की उपाधि भी दी गई क्योंकि वे हमेशा किसी पागल आदमी की तरह नये नये कामों को करते रहते थे जो दुनियां ने कभी भी देखे ही नही थे बाद में इसी पागलपन के कारण उद्द्हब भराली को नासा द्वारा एक सफलतम नविन आविष्कारकरता नामांकित किया गया ! 2006 में उद्द्हब भराली द्वारा बनाइ गई अनार के दाने निकालने बाली मशीन को पहली बार अपने आप में एक अनोखी मशीन होने के कारण भारत ही नही बल्कि पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त हुई ! ठीक उसी सिधांत को एक भारतीय ने सिद्ध करके दिखा दिया ! उनकी इस सफलता को देखते हुए उन्हें चीन अमेरिका और कई विकसित देशों से ऑफ़र मिले साथ ही यह देश उन्हें अपने देश की नागरिकता देने के लिए भी तैयार थे ! सिर्फ यही नही इन्होने 140 से ज्यादा ऐसी जुगाडू मशीने और चीजें बनाई जो ग्रामीण इलाकों में लोगों की खूब मदद कर रही है ! इनको दिल से सलाम है भाई !

ऐसे देसी जुगाड़ को देखकर वैज्ञानिकों का भी दिमाग घूम जाएगा

नारियल और युक्लेपटे जैसे लम्बे और ऊँचे पेड़ों पर चढने के लिए परम्परिक तौर पर इंसान रस्सी का सहारा लिया करते थे ! खास तौर पर कर्नाटक और केरल जैसे राज्य में जहाँ नारियल के पेड़ बहुत मात्रा में पाए जाते है वहां पर किसान रस्सियों की मदद से पेड़ों पर चढ़ जाते है इसमें इन्हें काफी खतरा भी उठाना पड़ता है इसी को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक के एक किसान गणपति भट ने सुपारी के पेड़ पर चढने के लिए खास बाइक तैयार की ! इस मशीन के जरिये पेड़ के उपर भी चढ़ा जा सकता है और निचे भी उतरा जा सकता है ! मशीन का इस्तेमाल पेड़ पर चढ़कर कीटनाशक का छिडकाव करने और सुपारी के गुछे तोड़ने के लिए किया जाता है !किसान और उसकी बेटी सुप्रिया का इस मशीन के सहारे पेड़ पर चढने का विडियो वायरल हो गया ! यह मशीन 28 किलो की है जबकि इसमें टू स्ट्रोक इंजन है ब्रेक है जिसे कहीं भी रोका जा सकता है ! 80 किलो तक का कोई भी शक्स बस एक बटन द्वाकर 30 सेकंड तक पेड़ पर चढ़ सकता है ! यह मशीन कितने काम की है इसका अंदाज़ा इस बात से लग जाता है की आम तौर पर एक दिन के लिए अगर किसी को पेड़ पर चढने और कीटनाशकों का छिद्काब करने के लिए लगाया जाए तो उसे ओसतन 2000 रूपए देने पड़ते है ! सिर्फ यही नही बल्कि इन पेड़ों पर चढने लायक मेनुअल जुगाड़ भीं इंडिया में काफी प्रचलित है ! कई लोगों ने ऐसी मशीन भी बनाई जिसमे इंसान को उपर जाने तक की भी जरूरत नही है सारे काम मशीन खुद ही कर लेती है !

ऐसे देसी जुगाड़ को देखकर वैज्ञानिकों का भी दिमाग घूम जाएगा

भुने हुए भुट्टे किस को पसंद नही होंगे लेकिन यह सब जानते है की भुट्टे से इनके दाने निकालना काफी मुश्किल है सारे किसान अभी भी मक्के के भुट्टे को हाथों से छिलते है जिसे एक तो ज्यादा समय लगता है दुसरे अंगूठे में दर्द लेकिन इन किसान भाइयों का देसी जुगाड़ देखकर आप भी यह कह उठेंगे वाह इन जुगाड़ों से मिनट नही कुछ सेकंड में भुट्टे के सारे दाने अलग हो जाते है और मेहनत भी कम लगती है ! वाकी भुट्टे छिलने का यह जुगाड़ बुरा नही है !आप सभी ने मार्किट में भुट्टे भूनते लोगों को लगातार हाथ से पंखा करते तो देखा होगा ताकि हवा से काइल की आंच तेज़ हो और भुटा जल्दी पक जाए ! इसी हार्ड वर्क से परेशान होकर इन्होने कुछ एक चीजों और बेटरी की मदद से ऐसा जुगाड़ बनाया की इनका काम आसान हो गया !   नारियल छिलने का यह जुगाड़ भी काफी कारगर है ! मुर्गियों को दाना खिलाने का यह तरीका भी अच्छा है जब मुर्गी को खाना होता है तब मुर्गी के पैर रखने से अनाज का ढक्कन खुल जाता है और पैर हटते ही बंद हो जाता है ! जिसे धुल मिटटी और खराब मोसम से खाना सुरक्षित रहता है ! कैसे कितनी आसानी से चने को पोधे से अलग किया जा रहा है अगर हवा न चल रही हो तो इस तरीके से भी घर के आंगन में कूलर की मदद से अनाज साफ़ किया जा सकता है ! और इस तरह का साइकिल में धार तेज़ करने बाला जुगाड़ तो आपने देखा ही होगा !अब देखिये इस सिम्पल से जुगाड़ की मदद से हर तरीके की सब्जी कितनी आसानी से काटी जा सकती है और सलाद के लिए प्याज़ और गाजर को बिलकुल गोल आकार में आसानी से काटा जा सकता है ! है न जबरदस्त !

अब मिलिए हरियाणा हिसार के कुलदीप जी से

ऐसे देसी जुगाड़ को देखकर वैज्ञानिकों का भी दिमाग घूम जाएगा

कुलदीप ने अपनी यह गलती को सही साबित करने के लिए बाइक इंजन से हेलिकॉप्टर बना दिया ! जी हाँ कुलदीप एक किसान परिवार का बेटा है जिसका सपना था पायलेट बनने का पिता सक्षम नही थे लेकिन फिर भीउन्होंने जमीन बेचकर पढने को भेजा ! कुलदीप अच्छे से पढाई नही कर पा रहे थे इसलिए घर लौट आए इसलिए अब समस्या थी की घर आकर पढ़ाई छोड़ने का कारण क्या बताते ? इसे बचने के लिए उन्होंने एक योजना बनाइ कुलदीप ने सोचा अगर वो खुद का हेलिकॉप्टर बना दे तो कोई भी उनसे नाराज नही होगा ! हालांकि हेलिकॉप्टर बनाना आसान बात नही थी मगर फिर काम आया कुलदीप का जुगाड़ और उन्होंने जुगाड़ लगाकर मोटरसाईकिल के 200CC इंजन से एक हवाई जहाज तैयार कर दिया ! ढाई लाख की लागत से बना यह वायुयान आसपास के क्षेत्र में काफी चर्चा का विषय बना ! लोगों ने कुलदीप की खूब सराहना की यह 10 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है और 12 किलोमीटर तक का सफर एक लीटर पेट्रोल में तय कर देता है !पारम्परिक रूप से प्रेशर कुकर का उपयोग केवल खाना बनाने के लिए किया जाता है इसलिए हर घर में प्रेशर कुकर मिल जाएगा लेकिन कितनो के घर में कॉफ़ी मशीन होगी यह बात बताने की जरूरत नही है इसलिए हमारे देश के कुछ चाय बनाने बालों ने बढती कॉफ़ी की मांग के चलते साधारण कुकर को मॉडिफाई करके प्रेशर कुकर संचालित कॉफ़ी मेकर में बदल दिया ! इस मॉडिफाई कुकर का उपयोग अब पानी को उबालने और भाप बनाने के लिए किया जा रह है कॉफ़ी में लम्बी डिलीवरी पाइप के माध्यम से भाप छोड़ जाती है जिसमे एक रेगुलेटर लगा होता है ! जिसकी मदद से दवाव बाली भाप को कंट्रोल करके झागदार और स्वादिष्ट कॉफ़ी बनाई जा सकती है !उम्मीद है आपको हमारे द्वरा दिखाए गए जुगाड़ पसंद आए होंगे ! आपको कोनसा जुगाड़ सबसे अच्छा लगा कमेंट में बता दो !

 

जानने के लिए क्लिक करे :- भारत ने बना लिया दुनिया का सबसे बेहतर सोलर पेनल अब चीन भी पीछे

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