आखिर कैसे बने जॉन से जॉनी लीवर बन गए मशहूर कॉमेडियन

दोस्तों बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर का नाम तो आपने सुना ही होगा। लेकिन दोस्तों क्या आपको पता हे इनका नाम जॉनी लीवर था ही नहीं। उनका एक्चुअल नाम था जॉनी प्रकासा राव जानुमाला। लेकिन आप सोच रहे होंगे की उनका नाम जॉनी लीवर कैसे पड़ा।
तो दोस्तों आपको बता दे की जॉनी लीवर अपने संगर्ष के दिनों में हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड नाम की एक फैक्ट्री में काम किया करते थे। वहाँ पर हुए एनुअल फंक्शन में उन्होंने एक मिमिक्री की थी जो लोगो को इतनी पसंद आयी की तब से लोग उन्हें जॉनी लीवर के नाम से जानने लगे दोस्तों आज मैं बात करने जा रहा हूं।
भारतीय सिनेमा में कॉमेडी की एक अलग पहचान बनाने वाले सर जॉन प्रकाश राव की जिन्हें आमतौर पर जॉनी लीवर के नाम से जानते हैं। दोस्तों जॉनी लीवर अभी तक 330 सौ से भी ज्यादा फिल्मों में काम करते हुए अपनी एक्टिंग और मिमिक्री के दम पर असंख्य लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला चुके हैं और उनके इन्हीं योगदान की वजह से 13 बार उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
यूं तो जॉनी को छोटे बच्चे से लेकर बड़े-बड़े सभी लोग जानते हैं, लेकिन शायद ही कोई होगा जो इनकी सफलता के पीछे की संघर्ष को जानता होगा तो चलिए दोस्तों बिना आपका समय खराब की है। हम जॉनी लीवर के सफर को शुरू से जानते हैं और उनके जीवन से कुछ प्रेरणादायक बातों को सीखने की कोशिश करते हैं।
जॉनी लीवर का जन्म 14 अगस्त 1956 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशन जिले में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। लेकिन मैं मुंबई के किंग सर्कल धारावी में बढ़े हुए जहां उनके पिता हिंदुस्तान लीवर फैक्ट्री में मजदूर के तौर पर काम करते थे। अगर पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने आज शिक्षा सोसायटी से सातवीं तक की पढ़ाई की और तब घर की हालात कुछ इस तरह खराब हो गए।
उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी और फिर अपना पेट पालने के लिए उन्होंने मुंबई के सड़कों पर पेन बेचने का काम शुरू कर दिया। इसके अलावा उन्होंने अपने पिता के साथ हिंदुस्तान। फैक्ट्री में भी मजदूरी की और यहीं पर उनका नाम जॉन प्रकाश राव से जॉनी लीवर हो गया।
दोस्तों हुआ खुशियों की जॉन प्रकाश काम के समय अपने फैक्ट्री के बड़े अधिकारियों की मिमिक्री करके वहां काम कर रहे हैं। वर्कर का मनोरंजन भी करते थे और इस तरह से वहां के लोग जॉन प्रकाश राव को प्यार से जॉनी लीवर बुलाने लगे। तभी से जॉन प्रकाश जॉनी लीवर के नाम से जाने जाते हैं।
जॉनी लीवर के एक्टिंग से उनके साथ ही कर्मचारियों के साथ ही साथ फैक्ट्री के अधिकारी भी काफी प्रभावित थे और जब कभी भी कंपनी में कोई फंक्शन होते थे तो उसमें जॉनी को स्टेज परफॉर्मेंस के लिए जरूर बुलाया जाता था।
जॉनी लीवर भी अब अपने टैलेंट को पहचानने लगे थे और उन्होंने कंपनी में काम करने की। साथ ही साथ छोटे-छोटे आर्केस्ट्रा शो में भी काम करना शुरू कर दिया। आगे चलकर जब इस सोच के जरिए एक अच्छी इनकम आने लगी तब उन्होंने 1981 में जाकर कंपनी छोड़ दी और अपना पूरा समय अपने टैलेंट को और भी इंप्रूव करने में लगा दिया।
उसके बाद अपने मेहनत और लगन से धीरे धीरे रे स्टेज शो में एक सफल कलाकार बन गए और फिर 1982 में उन्होंने अपना पहला बड़ा। स्टेज परफॉर्मेंस अमिताभ बच्चन के साथ किया। जॉनी को अभी तक स्टेज उसमें काफी पॉपुलरटी मिल गई थी। लेकिन वह फिल्म जगत में अभी भी कदम रखने में सफल नहीं हो सके थे। तभी उसी बीच एक शो के दौरान डायरेक्टर सुनील दत्त ने उनके टैलेंट को पहचाना और पहली बार दर्द का रिश्ता मूवी के लिए उन्हें साइन कर लिया